गोल्ड बुलियन हॉलमार्किंग: सोना में निवेश करने वालों के लिए काम की खबर है। गोल्ड ज्वैलरी (गोल्ड ज्वैलरी) में हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद अब गोल्ड बुलियन (गोल्ड बुलियन) के लिए भी हॉलमार्किंग जरूरी हो सकती है। इंडियन स्टैंडर्ड ब्यूरो (BIS) ने इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की डिमांड को देखते हुए एक ग्रुप बनाया है। भारतीय मानक ब्यूरो के दावे प्रमोद कुमार तिवारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए सोमवार को बताया कि हॉलमार्किंग एक संपूर्ण खाता की तरह है जिसे 288 में 1 जुलाई 2022 से अनिवार्य कर दिया गया था। यह 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट का सोना और जहर के कारण है।
गोल्ड बुलियन से ज्वैलरी की शुद्धि सुनिश्चित होगी
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब बुलियन (गोल्ड बुलियन) की हॉलमार्किंग को भी अनिवार्य रूप से जारी किया जाता है तो लंबे समय से ग्राहकों की मांग की जा रही है कि गोल्ड ज्वैलरी की शुद्धि को तभी सुनिश्चित किया जा सकता है। ऐसे में इंडियन स्टैंडर्ड ब्यूरो (Indian Standards Bureau) ने इसके लिए अपना गाइडलाइन्स का ड्राफ्ट तैयार किया है। बता दें कि गोल्ड बुलियन एक रॉ माल होता है जिसके जरिए ही ज्वेलरी का निर्माण किया जाता है। इसके साथ ही प्रमोद ने बीआईएस के बारे में यह भी कहा है कि वह इस गाइडलाइन के ड्राफ्ट पर लोगों से सुझाव लेंगे और इसमें अच्छी टिप्पियों को शामिल करेंगे।
बता दें कि बीआईएस ने बताया है कि गोल्ड बुलियन की हॉलमार्किंग (गोल्ड बुलियन हॉलमार्किंग) को अनिवार्य करने के फैसले के ऊपर दो बैठकें हो चुकी हैं। इस फैसले के पीछे कारण यह है कि रिफाइनर्स को यह तय सीमा है कि सोना की गुणवत्ता और शुद्धता के आधार पर लगाया गया है। इसके साथ ही यह सोने के आभूषणों की शुद्धि पर भी प्रभाव डालता है।
1 अप्रैल से गोल्ड ज्वैलरी की हॉलमार्किंग जरूरी है
1 अप्रैल से उपभोक्ता मंत्रालय गोल्ड के लिए 6 नंबर के अल्फ़ान्यूमेरिक हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया जाता है। इस फैसले के बाद अब 4 और 6 डिजिट हॉलमार्किंग का भ्रम भी खत्म हो गया है। ऐसे में अब कोई भी ज्वैलर बिना हॉलमार्क के ज्वैलरी नहीं रखेगा। इससे देश में पकना सोने के हो रहे व्यापार को रोकने में मदद मिलेगी। बता दें कि ग्राहक बिना हॉलमार्क की पुरानी ज्वेलरी बेचेगा, मगर शॉपर्स के लिए हॉलमार्किंग जरूरी हो जाएगी। यह नियम 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो जाएगा।
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