इसरो प्रयोग: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार (7 मार्च) को बताया कि वह सेवा से जा चुके मेघा-ट्रॉपिक्स-1 (MT-1) उपग्रह को अपने आप से कैसे नियंत्रित करते हैं पुन: प्रवेश प्रयोग (नियंत्रित पुन: प्रवेश प्रयोग) के माध्यम से दिया गया। इस काम को सफलतापूर्वक किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस उपग्रह को मौसम संबंधी जानकारी देने के लिए डिजाइन किया गया था। इसे तीन साल के लिए डिजाइन किया गया था लेकिन उपग्रह ने 10 साल से ज्यादा सेवा दी। इसरो ने ट्वीट किया, ”सैटेलाइट ने पृथ्वी के पर्यावरण में फिर से प्रवेश किया और प्रशांत महासागर के ऊपर पहुंच जाएगा।”
इसरो और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी सीएन के साझा उपग्रहों की शुरुआत के तौर पर 12 अक्टूबर 2011 को सबसे पहले पृथ्वी उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया था। इसरो ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि प्रशांत महासागर में 5 अंश दक्षिण से 14 अंश दक्षिण अक्षांश और 119 अंश पश्चिम से 100 अंश पश्चिम देश उलटने के बीच एक निर्जन क्षेत्र को एमटी1 के लिए लक्षित पुन: प्रवेश क्षेत्र के रूप में चुना गया। MT-1 का वजन लगभग 1,000 किलोग्राम था।
सेवामुक्त किए गए मेघा-ट्रॉपिक्स-1 (MT-1) के लिए नियंत्रित पुन: प्रवेश प्रयोग 7 मार्च, 2023 को सफलतापूर्वक किया गया।
उपग्रह ने पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश किया है और प्रशांत महासागर के ऊपर विघटित हो गया होगा। pic.twitter.com/UIAcMjXfAH
— इसरो (@isro) 7 मार्च, 2023
जोखिम पैदा कर सकता था ईंधन को बचाना
इसरो ने एक बयान में कहा कि मिशन के अंत में इसमें करीब 125 किलोग्राम ईंधन बाकी था, जो दुर्घटना का जोखिम पैदा कर सकता था। इसरो ने कहा कि प्रशांत महासागर क्षेत्र में एक निर्जन स्थान में पूरी तरह से नियंत्रक फिर से: प्रवेश के लिए इस बचे हुए ईंधन को काफी समझा गया।
गयान मिशन के लिए पैराशूट परीक्षण
भारत के गगनयान मिशन और इसरो से जुड़ी एक और खबर आई। इसरो ने गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन की तैयारी के तहत पैराशूट की क्लस्टर का अवलोकन करने वाले का परीक्षण किया है। इसरो ने टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिलायंस लेबोरेटरी (टीबीआरएल), क्लस्टर में क्लस्टर कॉन्फ़िगरेशन में गगनयान पायलट और एपेक्स कवर सेपरेशन (एसीएस) पैराशूट के ‘रेल ट्रैक रॉकेट स्लेड’ के दोबारा परीक्षण किए। पहले परीक्षण में दो पायलट पैराशूट बड़े पैमाने पर देखे गए।
इसरो ने एक बयान में कहा, ”गगनयान मिशन में इन पायलट पैराशूट का इस्तेमाल मुख्य पैराशूट को निकालने और अलग करने में किया जाता है। गया। इसरो ने कहा कि पायलट और एसीएस पैराशूट को एक पाइरोटेक्सिक एमिरेट्स का उपयोग करते हुए रोक दिया गया है। ये परीक्षण एक और तीन मार्च को किए गए।
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