वेदांत कुल ऋण: धातु एवं खनन क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी संस्था में से एक वेदांता (Vedanta Ltd) अभी कर्ज संकट से जूझ रही है। कंपनी को अगले तीन-चार महीने के करीब 01 बिलियन डॉलर चुकाए गए हैं। हालांकि कंपनी के एक अकले अग्रवाल (वेदांत के चेयरमैन अनिल अग्रवाल) के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है। अग्रवाल के होश से 01 बिलियन डॉलर कोई खास रकम न होकर उनके लिए मूंगफली के दाने के बराबर है।
वेदांता को डिजिटल होने की उम्मीद है
वेदांता लेकर कथित ऋण संकट को वित्तीय समय से बात कर रहे थे। उनकी कंपनी इस साल जून तक 900 मिलियन डॉलर के कर्ज के रूप में भुगतान कर रही है। अग्रवाल से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कोई बड़ी रकम नहीं है। उन्होंने कहा कि कंपनी का कमोडिटी बिजनेस पर्याप्त मात्रा में ट्रैफिक दे रहा है और उन्हें इस साल अपने ग्रुप के करीब 9 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है।
एसएंडपी की रिपोर्ट से हुई बिकवाली
वेदांता पिछले कई दिनों से अपने कर्ज के उच्च स्तर को लेकर खबरें में है। रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने हाल ही में इसे लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कर्ज चुकाने की वेदांता की क्षमता पर संदेह जाहिर करते हुए कहा गया था कि कंपनी की सारी उम्मीदें 02 बिलियन डॉलर की पूंजी की योजना और अफ्रीका में वेदांता की घबराहट की प्रस्तावित बिक्री पर टिकी हैं। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र होने से बाजार में घबराहट फैल गई और निवेशक बड़े पैमाने पर वेदांता के शेयर की बिकवाली करने लग गए। पिछले एक महीने के दौरान वेदांता के शेयर में करीब 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
दोषी ने ये दावा किया
फाइनेंशियल टाइम्स से बात करते हुए अनिल अग्रवाल ने कहा कि हर कोई वेदांत को पैसे देना चाहता है। हालांकि उन्होंने किसी बैंक या फंड का नाम नहीं बताया। उन्होंने कहा कि वेदांता 8-10 सेंट का ब्याज दर 01 बिलियन डॉलर के ऋण के लिए जेपी मॉर्गन और अन्य साइटों के साथ बातचीत कर रही थी। उन्होंने बताया कि वेदांता के ऊपर 13 बिलियन डॉलर से भी कम कुल कर्ज है और इसे देखते हुए कर्ज से पूरी तरह मुक्त होना कोई सपना नहीं मध्यम अवधि में हासिल करने वाला लक्ष्य है।
कंपनी के पास ये विकल्प मौजूद है
वेदांता लिमिटेड की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड ने पिछले महीने बताया था कि उसने इस साल मार्च तक की सभी शेयरधारकों का भुगतान पहले ही कर दिया है। कंपनी ने जून तिमाही के अंत तक जाने वाले सभी भुगतान को लेकर भी गारंटी दी थी। वेदांता का दावा दोहराते हुए कहता है कि उनकी कंपनी के पास कर्ज के किस्त चुकाने के कई विकल्प हैं। कंपनी इसे रिफाइनेंस के जरिए भी चुका सकती है और अतिरिक्त खाते से भी इस खर्च को पूरा किया जा सकता है।
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