H3N2 इन्फ्लुएंजा कितना घातक है: देश में कोरोना वायरस के बाद से H3N2 (H3N2) का खतरा बढ़ता जा रहा है। अब यह फ्लू मर चुका है। इस खतरनाक की वजह से हरियाणा और कर्नाटक में एक मरीज की मौत हो चुकी है। इसके बाद केंद्र सरकार सतर्क हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों को जारी समझौते को लेकर लगातार निगरानी के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही हर तरह की मदद का नुकसान भी हुआ है।
वहीं नीति आयोग ने शनिवार (11 मार्च) को मंत्रालयों की बैठक बुलाई है। इसमें राज्यों की स्थिति की समीक्षा होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दिसंबर से संक्रमित मरीज आ रहे हैं। एच3एन2 संक्रमण का प्रसार भी बढ़ रहा है। मंत्रालय उम्मीद करता है कि मार्च के अंत तक संक्रमण के प्रसार में कमी आ सकती है।
क्या होता है H3N2 वायरस?
H3N2 वायरस या खतरनाक वायरस जो आम तौर पर सूअरों में फैलते हैं, जब लोग पाए जाते हैं, तो उन्हें “विभिन्न” वायरस कहा जाता है। इस वायरस की पहली बार 2010 में अमेरिकी सूअरों की पहचान की गई थी। 2011 के दौरान H3N2v के साथ 12 लोगों में इस संक्रमण का पता चला। इसके बाद 2012 के दौरान H3N2v के 309 मामले सामने आए थे।
‘H1N1 का सर्कुलेटिंग स्ट्रेन है’
मेदांता के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इस वायरस को ज्यादा खतरनाक नहीं बताया है। उन्होंने कहा, “यह ऐसा वायरस है जो समय के साथ अपडेट रहता है। इसे एंटीजेनिक बहाव कहा जाता है।” उन्होंने कहा, “कुछ साल पहले H1N1 वायरस का प्रभाव था। उसी का वर्तमान सर्कुलेटिंग स्ट्रेन H3N2 है, इसलिए यह एक सामान्य इन्फ्लुएंजा स्ट्रेन है। यह ड्रॉप्स के माध्यम से COVID के समान समान रूप है। उन्होंने कहा, “इससे केवल उन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, जिनमें गंभीर बीमारियां हैं।”
H3N2 के क्या लक्षण हैं?
डब्ल्यूएचओ की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, किसी एक चपेट में आने पर बुखार, खांसी, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकान, गले में जलन और नाक बहने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। संक्रमण की चपेट में आने से ज्यादातर लोगों का फीवर एक हफ्ते में ही ठीक हो जाता है, लेकिन खांसी होने पर दो या ज्यादा हफ्ते का वक्त भी लग सकता है।
H3N2 से बचाव के तरीके
H3N2 से बचने के लिए डॉक्टर नियमित रूप से हाथ धोते हैं और मास्क लगाते हैं, जिसमें कोविड जैसी चेतावनी की सलाह दी जाती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) छींकने और खाने के दौरान मुंह और नाक को ढकने, आंखों और नाक को छूने से बचने और बुखार और शरीर में दर्द के लिए पैरासिटामोल लेने का दावा करता है।
इसके साथ ही भीड़-भाड़ वाले दायरे से परहेज करने, मास्क लगाने, खांसते और छींकने के दौरान मुंह और नाक को ढंकने की भी सलाह दी गई है। पब्लिक प्लेस पर न ठिकाने के साथ ही हाथ मिलाने या किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क से बचने को कहा गया है।
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