जम्मू-कश्मीर गैर-बीजेपी दलों की बैठक: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सांसद और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार (11 मार्च) को मोदी सरकार पर जोर साधना किया। उन्होंने केंद्र पर देश को धार्मिक आधार पर समर्थन करने का आरोप लगाया और ऐसा नहीं करने का आरोप लगाया। घाटी में भाजपा को छोड़कर सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद जम्मू में मीडिया को संदेश देते हुए कहा, “दो समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा नहीं किया जाना चाहिए।”
बीजेपी पर हमला करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “डर और द्वेष की राजनीति नई नहीं है।” उन्होंने पूछा, “वे 22-24 करोड़ मुसलमान क्या करेंगे? क्या वे उन्हें समुद्र में फेंक देंगे या उन्हें चीन भेज देंगे?” फारूक ने कहा, “गांधीजी ने राम राज्य के बारे में बात की थी। राम राज्य से उनका मतलब कल्याणकारी राज्य से था, जहां सभी को समान अवसर मिलेंगे और किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा।”
फारूक के आवास फर्जी थे
पूर्व सीएम ने कहा, “हम सभी को गांधी जी के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।” अब्दुल्ला की ओर से बुलाई गई धोखाधड़ी में सभी से अधिक पार्टियों के नेताओं ने भाग लिया। फारूक अब्दुल्ला के आवास पर मुलाकात हुई थी। बैठक में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव और उन्हें पूर्ण राज्य के स्तर को लेकर चर्चा हुई। इसके लिए फारूख ने दिल्ली तक आवाज बुलंद करने का फैसला लिया। बैठक के बाद उन्होंने शपथ से कहा, “जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य से खुला प्रदेश बनाना देश के लिए एक त्रासदी है।”
अब चुनाव आयोग से फारूक मिलेंगे
उन्होंने कहा, “हम जल्द ही विधानसभा चुनाव की मांग करेंगे और राज्य का स्तर बहाल करने में उनकी मदद लेने के लिए चुनाव आयोग से मिलने के लिए दिल्ली जाएंगे। हम राष्ट्रीय स्तर पर भी विरोधी नेता आएंगे।” उन्होंने आगे कहा, “आज जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स ने संपत्ति टैक्स के खिलाफ आरोप लगाया था। जिन युवकों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। इससे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति अच्छी नहीं है।”