नौकरी घोटाले के लिए भूमि: नौकरी के बदले फर्जीवाड़ा मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार (11 मार्च) को पूर्व रेल मंत्री लाल यादव के परिवार और करीबियों के परिसरों पर चुप्पी की। शनिवार को ईडी ने बताया कि 600 करोड़ के आर्थिक अपराध के दौरान उसे छानबीन किया गया। ईडी के खुलासे पर लालू यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तंज कसा और कहा कि भाजपा ने 600 करोड़ के होश से पहले पुराने को होश दे दिया।
तेज यादव ने ट्वीट कर कहा, ”याद करिए- 2017 में भी कथित रूप से 8000 करोड़ का लेन-देन, हजारों करोड़ का मॉल, सैंकड़ों संपत्तियां, अभी चंद महीनों पहले गुरुग्राम में अरबों की व्हाइटलैंड कंपनी का अर्बनक्यूब मॉल भी मिला था। बीजेपी ने अब कहा कि 600 करोड़ का नया होश आने से पहले अपने सूत्रों को पुराना तो होश दे दो।”
तेजस्वी ने आगे लिखा, ”बीजेपी सरकार द्वारा फिक्सिंग से दुर्घटना-उद्देश की अफवाह फैलने या खबर की योजना के बजाय रेड के बाद हस्ताक्षर किए जाने वाले पंचनामे (जब्ती सूची) की सूची ही सार्वजनिक कर दी जाएगी। अगर हम इसे सार्वजनिक कर देंगे तो इन लाइटरे नेताओं की क्या इज्जत रहेगी? सोच लो।”
इक्विटी होश लेगी- यूनीक गांधी
कांग्रेस महासचिव ने लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को सर्वे करने की साजिश बताया है। यूनिक गांधी ने ट्वीट किया कि “भाजपा सरकार निर्णय की मुखर आवाज़ों से इतना आध्यात्मिक क्यों है? सरकार सभी हथकंडे अपनाकर बस वही सब कुछ ज़िम्मेदारों को जिम्मेदार की राजनीति कर रही है। बिहार के आदर्श यादव जी पर कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। जनता सब देख रही है, होश लेगी।”
बुरे परिणाम होंगे- मानहानि झो
आरजेडी नेता और विधायक सांसद ने ईडी के खुलासे पर सवाल किए हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह के आरोप लगाए गए थे, लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ। मनोज ने कहा कि देश देख रहा है। बिहार का बच्चा-बच्चा देख रहा है। आप इतने बुरे परिणाम नहीं जान पाएंगे कि आपको अंदाजा नहीं है।
एडी ने क्या कहा था?
ईडी ने नौकरी के बदले में घोटाले को लेकर 24 जगहों पर करार की थी। इसमें तेज यादव के साथ लालू यादव की बेटियों के घर भी जांच टीम पहुंची थी। अब प्रवर्तन निदेशालय ने पूरी जांच और दस्तावेजों का ब्योरा जारी किया है। ईडी ने बताया कि 1 करोड़ कैश, 1900 डॉलर, 540 ग्राम सोना और 1.5 किलो सोना के बरामद किए गए हैं।
ईडी के मुताबिक मामले की तहकीकात के दौरान करीब 600 करोड़ के अवैध लेन-देन का पता चला है। इसमें से 350 करोड़ की अचल संपति ने और 250 करोड़ रुपये बेनामी संपत्ति के जरिए रूट किए गए। जांच में सामने आया कि इसमें से ज्यादातर जमीन पूर्व के पॉश इलाके में गलत तरीके से पासपोर्ट रेल मंत्री लालू यादव के जरिए भारतीय रेलवे में नौकरी देने के नाम पर हड़प ली गई। आज के दौर में इसकी कीमत 200 करोड़ रुपये है।
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