पीठ की चोट पर वीरेंद्र सहवाग: भारतीय क्रिकेट टीम के पेसर जसप्रीत बुमराह करीब 6 महीने से क्रिकेट से दूर हैं। वह विद्यार्थी की चोट की वजह से अभी तक चिपका नहीं पाए गए हैं। अभी बुमराह को फिट होने में अत्यधिक नींद लग सकती है। उनकी दुनिया में संदेह भी है। वहीं भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर श्रेयस अय्यर भी चोट के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया सीरीज से बाहर हो गए हैं। चोटों से जूझ रहे भारतीय खिलाड़ियों को लेकर पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने प्रतिक्रिया दी है। सहवाग के अनुसार, टीम इंडिया के खिलाड़ी डेली वर्क आउट रूटीन की वजह से चोटिल हो रहे हैं। ऐसे में जब रोहित शर्मा की टीम के कई खिलाड़ी हैमस्ट्रिंग और छात्रों में चोट की समस्या से जूझ रहे हैं, तो उन्होंने कंजेशन दिया है।
भारोत्तोलन की जगह नहीं
टीआरएस क्लिप्स पर बात करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने कहा, ‘क्रिकेट में वेटलिफ्टिंग (भारोत्तोलन) की कोई जगह नहीं है। इसके बजाय आपको ऐसे व्यायाम करने चाहिए जिससे आपका खेल बेहतर हो। भारोत्तोलन आप क्षमताएं देखते हैं लेकिन कठोरता और दर्द भी झलकते हैं। हमारे दिनों में आकाश चोपड़ा, गौतम गंभीर, राहुल द्रविड़, सचिन जुड़वां, सौरव लक्ष्मण, वीवीएस लक्ष्मण, एमएस धोनी या अर्जुन सिंह ने चोट या हैमस्ट्रिंग की वजह से बाहर नहीं हुए।’ हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हर कोई विराट कोहली नहीं हो सकता।
सहवाग ने आगे कहा, ‘भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व प्रदर्शन कोच बासू शंकर सभी खिलाड़ियों के लिए एक तरह का कार्यक्रम रखते थे। उन्होंने रविचंद्रन अश्विन के साथ अपनी पिछली बातचीत को याद करते हुए बताया, स्टार ऑलराउंडर केवल साफ और जर्क के आदी हो गए क्योंकि यह एक चलन हुआ था। उन दिनों अश्विन टीम पंजाब किंग्स का हिस्सा थी। सहवाग के अनुसार, ‘एथलीट्स को क्लीन एंड जर्क की ट्रेनिंग बचपन से दी जाती है। कल्पना कीजिए कि एक क्रिकेटर उसे नींद शुरू कर देता है जब उसकी उम्र 30 साल से ज्यादा हो जाती है। इस वर्क आउट की वजह से अश्विन और पैर के घुटने में दिकक्त था।’
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