विश्व कप 2023: साल 2011 के बाद से भारतीय टीम ने न तो कोई ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप जीता और न ही टी-20 वर्ल्ड कप में उसे ट्रॉफी हाथ लगी। लगातार आईसीसी के इन बड़े टूर्नामेंट में फ्लॉप होने के बाद इस साल टीम इंडिया से वर्ल्ड कप के जीतने की काफी उम्मीदें जा रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड कप भारत में ही खेला जाना है। हालांकि विशाखापट्टनम में कहे गए कयामत के नतीजों ने टीम इंडिया के वर्ल्ड कप जीतने वालों की पूरी पोल खोल दी है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विशाखापट्टनम में आज (19 मार्च) खेले गए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 234 गेंदें बाकी रहीं 10 विकेट से करारी शिकस्त दी. यह विकटों के फंसे से और सबसे तेजी से तैयार चेज़ करने के होश से भारत की अब तक की सबसे बड़ी हार रही है। भारतीय टीम इस मैच में जेज 117 रन पर ऑलआउट हो गई थी और ऑस्ट्रेलिया ने हज 11 ओवर में ही ताबड़ तोड़ क्रम में जीत दर्ज की।
टीम इंडिया की इस खुलासा हार ने फैंस की उम्मीदों को करारा झटका दिया है, जो वह इस साल के वर्ल्ड कप से बैठे हुए हैं। दरअसल, भारतीय टीम ने बल्लेबाजी की पूर्ति विकेट पर शुरुआत में जिस तरह एक के बाद एक विकेट से जुड़ा और फिर शर्त डिफेंड करने में भी वह जिस तरह से फेल रही, उससे यह स्पष्ट हो गया कि टीम इंडिया को अभी हर विभाग में बहुत काम करने की जरूरत है।
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– जेंटल मैन (@gentleman07_) 19 मार्च, 2023
अनियमित पारियों को संभालने की जिम्मेदारी किसकी?
विशाखापट्टनम में हमेशा से अच्छा स्कोर बना है। आज की पिच भी कुछ अलग नहीं थी। लेकिन बल्लेबाजों ने यहां शुरुआत में वही दिखाई दिए। शुभमन गिल और रोहित शर्मा खराब शॉट खेलकर आउट हुए। सीक जोड़े के पवेलियन जाने के बाद जब मिडिल ऑर्डर से प्रतिरोध दिखाया जाना चाहिए था तो यहां सूर्यकुमार यादव और केएल राहुल ने निराश किया था। दोनों जल्दी-जल्दी पवेलियन लौट गए। इसके बाद विराट कोहली और रवींद्र जडेजा की भी एकाग्रता भंग हुई और ये भी बनी। 6 विकेट गिरने के बाद भारत के पुछल्ले बल्लेबाज भी कुछ कर बैठे और टीम 117 रन पर सिमट गई।
विश्व कप में हेक्सा ऐसी जाली
एक बैटिंग विकेट पर टीम इंडिया का इस तरह जाना अत्यंत चिंता का विषय है। ऐसा भी नहीं था कि ऑस्ट्रेलिया की ओर से बहुत अच्छी गेंदबाजी हो रही थी। यहां के बल्लेबाजों ने ज्यादातर विकेट तोहफे में दिए। अगर वर्ल्ड कप के दौरान किसी भी स्थिति में भारतीय बल्लेबाज इस तरह का प्रदर्शन देते हैं तो यह ट्रॉफी निश्चित रूप से भारत के हाथ से निकल जानी जाती है।
छोटा डिफेंड करने का जज्बा ही नहीं दिखा
बल्लेबाजी से ज्यादा चिंता का विषय गेंदबाजी कर रही हूं। भले ही ऑस्ट्रेलिया के सामने 118 रन का छोटा सा गोल था, लेकिन टीम इंडिया को यहां कुछ ऐसी टक्कर लगी थी, जैसे कि पिछले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने छोटे गोल के बावजूद एक बार टीम इंडिया पर अंक बना लिया था। लेकिन विशाखापट्टनम में भारतीय समुद्र और कप्तान ऑस्ट्रेलियाई साझेदारी पर कोई दबाव नहीं बना पाए। मिशेल मार्श और ट्रेविस हेड ने ताबड़ तोड़ अर्धशतक जड़े और आसानी से अपनी टीम को जीत दिलाई। इस पूरे मैच में केवल एक बार भारतीय समुद्र तटों ने विकेट का मौका बनाया और वहां भी कैच टपका।
कमियों को दूर नहीं करने के परिणाम छोटे होंगे
कुल मिलाकर भारतीय टीम ने इस तरह से समर्पण किया है, वही समर्पण खेल जगत में कम ही देखने को मिलता है। इसी आधार पर यह निष्कर्ष अनुमान लगाया जा सकता है कि भारतीय टीम अपने घरेलू मैदानों पर भले ही बहुत मजबूत रही हो लेकिन इस टीम में अलग-अलग पारियों को संभालने से लेकर, छोटे दावों को डिफेंड करने और घोषणा को अच्छे से लागू करने और दिखाने जैसे ढेरों कमियां हैं, जो आज के मैच में उजागर हो गए हैं। अगर समय रहते इनमें सुधार नहीं किया गया तो इस टीम से वर्ल्ड कप जीतने की उम्मीद बेवकूफी होगी।
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