विलफुल लोन डिफॉल्टर्स: कई बड़े सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के बैंक बैंक और लोगों को लोन के जरिए अपने कारोबार को बढ़ाने में मदद करते हैं। मगर इसमें से कई लोग शालीनता से बैंक के लोन को वापस करने में आ जाते हैं। इस तरह के लोगों को विलफुल डिफाल्टर्स कहते हैं। मनीकंट्रोल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यह पता चला है कि विलफुल डिफॉल्टर्स ने देश के कई बड़े संतों को इस साल करीब 88,435 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। वहीं पिछले साल यह स्लॉट 75,294 रुपये का ही था। ऐसे में इस साल बैंकों में विलफुल डिफाल्टर्स की संख्या अब भी है।
इन सॉस को करोड़ों का लिमिट
रिपोर्ट के मुताबिक इन विलफुल डिफाल्टर्स ने देश के कई सरकारी और प्राइवेट सेक्टर दोनों के लिए खतरनाक को लिया है। इसमें पंजाब नेशनल बैंक (पंजाब नेशनल बैंक), जिम्मेवार बैंक (एचडीएफसी बैंक), बैंक ऑफ बड़ौदा (बैंक ऑफ बड़ौदा), आईडीबीआई बैंक (आईडीबीआई बैंक) जैसे कई सरकारी और निजी बैंक शामिल हैं।
विलफुल डिफॉल्टर्स किसे कहते हैं?
विलफुल डिफाल्टर्स यानी इरादतन फेल्टर उन लोगों को कहते हैं जो सक्षम होते हुए भी लोन की ईएमआई नहीं चुकाते हैं। ऐसे लोग बैंक का पैसा नहीं देते हैं। ट्रांसयूनियन सिबिल के मुताबिक दिसंबर 2022 तक पंजाब नेशनल बैंक के 38,712 करोड़ रुपये इन इरादतन फेलोटर पर छा गए हैं। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा पर जनवरी 2023 तक कुल 38,009 करोड़ रुपए छूत है। पिछले साल यह पात्र 24,404 करोड़ रुपये का था जो अब बढ़कर 38,000 करोड़ के पार चला गया है। वहीं प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक जोखिम बैंक (HDFC Bank) का 11,714 करोड़ रुपये छू रहा है। पिछले साल मार्च तक यह अकड़ा 9,007 करोड़ रुपये था। वहीं आईडी बैंक का फरवरी 2023 तक कुल 26,400 करोड़ रुपये का लोन छू रहा है।
यह देश का शीर्ष इरादतन चूककर्ता है
इरादतन चूक के बारे में जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड (भागवत कराड) ने संसद में इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश की सबसे बड़ी इरादतन दोषपूर्ण कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (गीतांजलि जेम्स लिमिटेड) है। कंपनी ने कुल 7,848 करोड़ रुपये का लोन डिफॉल्ट किया है। वहीं इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर एरा इंफ्रा (Era Infra) है। इस कंपनी पर सॉकेट का 5,879 करोड़ रुपये है। वहीं इस सूची में तीसरा नाम री एग्रो (Rei Agro) है। इस कंपनी पर कुल शेयर राशि 4,803 करोड़ रुपये है।
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