<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"इंडियन एविएशन सेक्टर: भारत के एविएशन मार्केट में जबरदस्त बदलाव को देखा जा रहा है। एयर इंडिया ने 470 अलग-अलग राइटर का आर्डर दिया है। इंडिगो भी नए अलग-अलग खरीद के लिए आर्डर देने की तैयारी में है। ऐसे में इनमें से कई के लिए पायलट और मैकेनिकों की बड़ी संख्या में ट्रेने होंगी। विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ने कहा है कि अगले 20 वर्षों में भारत में 31,000 पायलटों और 26,000 मैकेनिकों की आवश्यकता होगी।
बोइंग इंडिया के प्रेसिडेंट सलिल गुप्ते ने कहा कि अगले 20 साल में साउथ एशियन रिजन सबसे तेज से आगे बढ़ने वाला एविशन मार्केट बना रहेगा। ऐसे में भारत को अलग-अलग फ़्लाइट भरने के लिए 31,000 पायलट और रचनात्मक के रखरखाव के लिए 26,000 मैकेनिक की ट्रेन होगी। उन्होंने कहा कि भारत के एयर ट्रैफिक सोर्स को देखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर ज्यादा तरजीह देना होगा। किन हवाईअड्डों के विकास के साथ पायलट और यांत्रिकी की रेलगाड़ियाँ शामिल हैं।
हाल ही में बोए ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2040 तक भारत का एयर ट्रैफिक 7 प्रतिशत के दर से आलेख रिकॉर्ड करें। सलिल गुप्ते ने कहा कि कोरोना महामरी से निकल जाने के बाद एयर रेस्टोरेंट की मांग ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। उन्होंने कहा कि ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस का एयर स्टेटमेंट पर कोई असर नहीं पड़ता है।
एयर आउटलेट की बढ़ती मांग को देखते हुए देश के घरेलू एयरलाइंस आने वाले दिनों में घरेलू एयरलाइंस 1100 से ज्यादा नए अलग-अलग आर्डर करने जा रहे हैं। रविवार की शुरुआत टास्क ने कर दी है। टास्क ग्रुप ने 470 नए रूप का आर्डर बोइंग और एयरबस को दिया है। और कंपनी के पास इसके अतिरिक्त 370 और प्लेन के आर्डर करने का विकल्प उपलब्ध है। भारत में आगे बढ़ने वाले एयर स्टोर की मांग को पूरा करने के लिए एयरलाइंस कंपनियां 2210 नए विमान का आर्डर कर सकती हैं। एयर इंडिया, इंडिगो, विस्तार और अकासा के कुल 1115 प्लेन आर्डर पर है।
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