एयर इंडिया: टाटा ग्रुप के एयर इंडिया अधिग्रहण के साथ ही कंपनी अपने आप को ग्लोबल मार्केट का प्लेयर बनाने पर काम कर रही है। एविएशन दुनिया की सबसे बड़ी 470 एयरक्राफ्ट की डील करने के बाद कंपनी अलग-अलग देशों के रूट्स पर विस्तार के एक्शन प्लान कर रही है। मगर ग्लोबल मार्केट में बड़ा खिलाड़ी बनना की राह एयर इंडिया (एयर इंडिया) के लिए आसान नहीं होगा। कंपनी को कई जाम से जूझना पड़ेगा। बोइंग और एयरबस (बोइंग और एयरबस) को बड़े पैमाने पर एयरक्राफ्ट का आर्डर देने के बाद एयर इंडिया से कई विदेशी विमानन कंपनियों ने एयर इंडिया से कई महत्वपूर्ण मांग रखी। इसमें कई देशों में एयर इंडिया की उड़ानों की संख्या में इजाफ की मांग रखी गई है।
कई रूटों पर उड़ानें बढ़ाई जाएंगी
बंधुआ है कि नई दिल्ली एविएशन कॉन्फ्रेंस में सेक्टर से जुड़े लोगों ने यह मांग की है कि एयर इंडिया को सभी रूट्स पर और ज्यादा फ्लाइट्स का संचालन करना होगा। भारत से कई देशों के लिए आगमन और जाने वाली रूट्स पर ज्यादा यात्रियों की संख्या की अनुमति एविएशन सेक्टर से जुड़े लोगों ने रखी है। ध्यान देने वाली बात ये है कि यात्रियों की तब संख्या निर्धारित की जाती है जब एयर इंडिया को भारी नुकसान हो रहा था। मगर सदस्यता बदलने के साथ ही अब इन सभी रूटों पर यात्रियों और उड़ानों की संख्या में अकाउंट की चाहत जा रही है।
भारत में बढ़ रही मांग
लाइव मिंट में छपी रिपोर्ट के अनुसार दुबई के अमीरात, तुर्की एयरलाइंस (तुर्की एयरलाइंस) और कुवैत के जज़ीरा एयरवेज (जज़ीरा एयरवेज) ने अपने देशों से भारत के बीच एयरलाइंस की संख्या में इजाफे की मांग की है। इन बंधक का कहना है कि दोनों देशों के बीच यात्रियों की संख्या लगातार बनी हुई है लेकिन उस तुलना में विमानों की वजह नहीं बनी है। ऐसे में देश में एयर ट्रैफिक राइट्स में अटक की मांग की गई है। इसकी तरह की मांग वियतनाम और इंडोनेशिया ने भी ऐसी ही मांग की है।
दुबई के लिए हर हफ्ते 50,000 एक्सपोजर का हो अब
टर्किश एयरलाइंस के मुख्य कार्यकारी बिलाल एकसी ने कहा कि हमें भारत की एविएशन इंडस्ट्री में उम्मीद से काफी कम हिस्सा मिल रहा है। ऐसे में भारत और तुर्किये के बीच की संख्या में कई लोगों को देखा जाना चाहिए। वहीं दुबई ने CAPA मीटिंग में हर हफ्ते भारत और दुबई के बीच 50,000 से अधिक चिंता की मांग की है। रायटर को दिए गए एक साक्षात्कार में भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि अभी इन वीजा पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा कोई फैसला नहीं लिया गया है। सरकार अबू एयरलाइन प्राधिकरण को बहुत अधिक एयरलाइंस ऑर्डर करने की सलाह दे रही है जिससे वह यात्रियों की मांग को पूरा कर सके। ध्यान देने वाली बात ये है कि 1.3 अरब के देश में विदेश जाने के लिए ज्यादातर लोग विदेशी एयरलाइंस पर कायम हैं। ऐसे में एयर इंडिया अपने एयरक्राफ्ट की संख्या में करके इंटरनेशनल मार्केट में अपने हिस्से को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
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