बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ब्याज दरें बढ़ाईं: 24 घंटे के भीतर अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व के बाद बैंक ऑफ इंग्लैंड कर्ज महंगा कर देता है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने रहस्यों पर नकेल कसने के लिए पक्का फैसला किया है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ब्याज में 0.25 प्रतिशत का धोखा देकर उसे अब 4.25 प्रतिशत कर दिया है। बैंक ऑफ इंग्लैंड का कहना है कि पहले के अनुमानों के मुताबिक सबसे पहले चमकते लोगों को राहत मिल सकती है।
बैंक ऑफ इंग्लैंड उद्योग के बेहतर आउटलुक ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि आर्थिक विकास में तेजी आएगी। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने 7-2 के आधार पर एक लक्ष्य लक्ष्य विस्तार के आधार पर सर्वेक्षण किया, जिसके बाद ब्याज दर 4.25 प्रतिशत चुकाई गई। बैंक ऑफ इंग्लैंड की मॉनिटरी पॉलिसी ने कोरोना महामारी और रूस के यूक्रेन पर हमलों के बाद से 11वीं बार लगातार वेजेजिंग में फंसाया है। इससे पहले बुधवार को अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने जाल कसने के लिए जुनून में एक पहलू का कारण बताया।
ब्रिटेन में चार महीने में पहली बार सब कुछ जुड़ा हुआ है, जिसके बाद बैंक ऑफ इंग्लैंड ने व्याकुलता बढ़ाने का फैसला लिया। फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) बढ़कर 10.4 प्रतिशत तक पहुंच गया। पिछले महीने यह 10.1 प्रतिशत पर था। वैज्ञानिकों ने इस फरवरी के महीने में ब्रिटेन की जाली दर 9.9 फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी। ऐसे में यह पात्र उम्मीद से बहुत ज्यादा है।
क्या करेगा अधिकारी?
दुनिया के बड़े सेंट्रल बैंक मॉनिटरिंग पॉलिसी की बैठक में ब्याज में बकाया कर रहे हैं। तो अब माना जा रहा है कि इसकी आरबीआई भी रेटिंग्स में बदलाव कर सकता है। 3 से 6 अप्रैल 2023 तक आरबीआई की मॉनिटरी बैंकों की मीटिंग होने जा रही है। 6 अप्रैल को प्राधिकरण के गवर्नर शक्तिकांत दास मॉनिटरी पॉलिसी के दस्तावेजों की एलन करेंगे। जो माना जा रहा है कि आरबीआई रेपो रेट में श्रेयस्कर हो सकता है।
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