गूगल एआई बार्ड: चैट जीपीटी को टक्कर देने के लिए गूगल अपने नए एआई टूल बार्ड पर जमकर काम कर रहा है। अभी कुछ यूजर्स के लिए बार्ड को लाइव किया गया है। इस बीच गूगल के एआई टूल को लेकर एक चौकाने वाली खबर सामने आ रही है। दरअसल, बार्ड ने ये दावा किया है कि उसके लोगों के नक्शेकदम पर डेटा के आधार पर भेजा गया है। बार्ड का ये कंट्रोवर्शियल जवाब माइक्रोसॉफ्ट के रिसर्चर केट कार्वफोर्ड ने ट्विटर के जरिए शेयर किया है। केट ने जब बार्ड से यह पूछा कि चैट का डेटासेट क्या है तो इसके जवाब में गूगल के एआई टूल ने कहा कि उसका डेटा अलग-अलग उल्लंघनों से तैयार किया गया है जिसमें विकिपीडिया, गिटहब, स्टैक ओवरफ्लो और निर्देशांक आदि शामिल हैं। इस जवाब से ये साफ हो गया है कि Google का नया AI टोटका पारदर्शी डेटा के आधार पर फैलाया गया है। यदि ऐसा है तो ये लोगों की प्राइवेसी से सबसे बड़ा खिलवाड़ है।
कंपनी ने दिया रिएक्शन
Google ने इस विषय में केट के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि बार्ड मौजूदा दृश्य स्टेज में है जिसे लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर प्रशिक्षित किया गया है और ये शुरुआत में गलती कर सकता है। Google ने यह भी साफ किया है कि इसका जलीय नक्शा नहीं लिया गया है। बता दें, एआई टूल जैसे कि बार्ड और चैट जीपीटी हमेशा आपको सही जवाब नहीं देंगे। इनसे कई बार फेकचुअल मिस्टेक हो सकती है। गूगल ने खुद इस विषय में लोगों को ब्लॉगपोस्ट के जरिए जानकारी दी है कि एआई टूल गलत जानकारी भी कई बार दे सकता है।
उम्म, कोई भी थोड़ा चिंतित है कि बार्ड कह रहा है कि इसके प्रशिक्षण डेटासेट में शामिल है… जीमेल?
समाचार रीलों
मैं मान रहा हूं कि यह बिल्कुल गलत है, अन्यथा Google कुछ गंभीर कानूनी सीमाओं को पार कर रहा है। pic.twitter.com/0muhrFeZEA
– केट क्रॉफर्ड (@katerawford) 21 मार्च, 2023
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इन देशों में शुरू हुई बार्ड की सर्विस
बार्ड अभी यूके और यूएस में कुछ चुनिंदा लोगों के लिए लाइव है। इसकी टेस्टिंग जारी है और अन्य लोगों को अभी वेटलिस्ट में रखा गया है। दूसरी तरफ, चैट जीपीटी का नया संस्करण जीपीटी-4 ओपन टेक्स्ट ने अपलोड किया है। नया वर्जन पहले से ज्यादा एडवांस और एक्यूरेट है। इसमें उपयोगकर्ता फोटो के माध्यम से भी प्रश्न कर सकते हैं। जीपीटी-4 का ऐक्सट्रेक्स केवल उन्हीं लोगों से मिला है, जिन्होंने जीपीटी का सब्सक्रिप्शन मॉडल चैट किया है।
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