2023 में मोबाइल टैरिफ बढ़ोतरी: नए साल में देश में मोबाइल सेवा देने वाली टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ बढ़ाने की तैयारी में हैं। 5जी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइड करने में भारी भरकम निवेश से लेकर नेटवर्क कोस्ट में इजाफे के कारण टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ बढ़ सकते हैं। इस बार ऐसा माना जा रहा है कि इंडेक्स से लेकर पोस्टपेड दोनों ही टैरिफ कंपनियां बढ़ा सकती हैं।
इंडेक्स हाउस आई डाटा सिक्योरिटिज ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि निकट भविष्य में 5जी से जुड़े प्रति उपयोगकर्ता औसत रेवेन्यू (एआरपीयू) बढ़ना बहुत कठिन है ऐसे में अथॉरिटी के पास 4जी टैरिफ को बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मानदंड हाउस का मानना है कि 2023 के मध्य में उनका मानना है कि 4जी टैरिफ में गड़बड़ी देखी जा सकती है क्योंकि 2024 में जुलाई के चुनाव के निकट टैरिफ बढ़ने से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप बढ़ने का खतरा है।
कोटक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक हिस्से को कर्ज चुकाने के लिए 25 प्रतिशत तक टैरिफ में वृद्धि के साथ ही 2027 तक सरकार की चूक के लिए बड़े अनुपात में कर निर्धारण होगा। इंडेक्स हाउस का मानना है कि पोस्टपेड टैरिफ भी बढ़ने के आसार हैं।
इससे पहले एलियंस हाउस जेफ्फरीज के विश्लेषकों ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टेलीकॉम कंपनियां नए साल में 10 प्रतिशत तक मोबाइल टैरिफ में बकाया कर सकती हैं। जेफरीज ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि भारती एयरटेल और रिलांयस जियो फाइनेंस वर्ष 2020-23, 2023-24 और 2024-25 की चौथी तिमाही में 10 प्रतिशत तक मोबाइल टैरिफ में निर्धारण कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए रिकॉर्ड से कंपनी के रेवेन्यू और मार्जिन पर दबाव बढ़ रहा है, जिसके कारण इन टेलीकॉम कंपनियों के पास टैरिफ बढ़ाने का कोई विकल्प नहीं है।
रिलायेंस जियो और भारती एयरटेल देशों के कई शहरों में 5जी मोबाइल सेवा लॉन्च की गई है। इन ऑग्जेटियों ने 5 स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए मोटा पैसा निलामी में खर्च किया है। तरो मौजूदा टेलीकॉम 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में 1,50,173 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इन प्राधिकरण को लाइसेंस लाइसेंस के भुगतान करने के लिए अपना राजस्व बढ़ाना होगा। ऐसे में टेलीकॉम को मोबाइल टैरिफ बढ़ाना होगा।
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