<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"अरहर दाल की कीमतों में बढ़ोतरी: अरहर दाल के बढ़ते खाते और सागरखोरी पर केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। अरहर दाल के स्टॉक पर नजर रखने और होर्डिंग के बाजार में अरहर दाल की कमी करने वालों की पहचान करने के लिए कार्रवाई करने के लिए सरका ने कमिटी बनाने का फैसला किया है। जागो कस्टमर जागो के संस्करण से क्रेटरी फंड खरे की अध्यक्षता में इस कमिटी का गठन किया गया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने फंड खरे की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है जो राज्यों के कॉर्डिनेशन में कार्य करने से अरहर दाल के स्टॉक का पता चला। ये कमिटी इंपोर्टर, मिल प्रकार, स्टॉकिस्ट, ट्रेडर्स के स्टॉक पर निगरानी रखेंगे। सरकार को ये स्टॉक मिला था कि पर्याप्त मात्रा में अरहर दालों के इंपोर्ट के बावजूद स्टॉक को बाजार में जारी नहीं किया जा रहा है। अरहर दालों की होर्डिंग जा रही है। और होर्डिंग के जरिए बाजार में संबंध अरहर दालों की कमी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। होर्डिंग के कारण अरहर दाल के रिश्ते में दाल के दिनों में भी रोटी मिली है।
सरकार की कोशिश सागरखोरों से संबंध को लेकर कनेक्शन को कम करते हुए सम्मिलित करना है जिससे अरहर दालों को पाने के लिए संभव हो सके। उपभोक्ता मंत्रालय ने कहा कि दूसरे दालों के स्टॉक पर भी मंत्रालय नजर बनाए हुए है जिससे किसी भी रूप में किसी भी प्रकार के बाद सरकार ऐतियाती कदम उठा सके। अगस्त 2022 में सरकार ने राज्य और केंद्र अधिकार प्रदेशों को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत अरहर दाल के स्टॉक डिस्क्लोजर को लागू करने के लिए एडवाइजरी जारी करने की थी।
सरकार ने गैर-स्वीकार्य देशों से अरहर दाल आयात को लागू करने के लिए 10 प्रतिशत शुल्क को समाप्त कर दिया प्रतिशत शुल्क को हटा दिया गया है क्योंकि कर्तव्य से शून्य शुल्क पर आयात किए जाने पर भी कई प्रकार की परेशानी होती है। होली के पहले टमाटर अरहर दाल पर इंपोर्ट ड्यूटी को हटा दिया गया था। जिससे मंडियों में मिलने वाले दाल की सेल कम हो सके। देश में घुसपैठ करने वाले व्यापारियों को किसी भी प्रकार का आयात शुल्क नहीं देना चाहिए।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डेटाबेस के अनुसार अरहर दाल के दामों में थोड़ी जल्दी आई है। 2 फरवरी 2023 को अरहर दाल का औसत मूल्य 110.99 रुपये प्रति किलो तो 27 मार्च को 114.44 रुपये प्रति किलो पर जाइए। यानी दो महीने से भी कम समय में अरहर या टूअर दाल के संकेत में 3.10 प्रतिशत की उछाल आई है। 2024 में 2024 से लेकर इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, ऐसे में सरकार किसी भी हाल में अरहर दाल का जिक्र करना नहीं चाहती है।
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