गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध: घरेलू बाजार में व्हाईट के प्रमाण जारी रहेंगे और घरेलू आपूर्ति पर्याप्त नहीं होने के कारण पूरी तरह से प्रतिबंध जारी रहेगा। भारतीय खाद्य निगम के प्रमुख अशोक के मीणा ने ये बयान दिया है। वे उम्मीद जताते हैं कि हाल के दिनों में जो बारिश हुई है उससे गेहूं का उत्पादन प्रभावित नहीं होगा और गेहूं का उत्पादन निश्चित रूप से आपका लक्ष्य हासिल कर लेगा। अशोक के मीणा ने कहा कि मध्य प्रदेश में 10,727 टन की खरीद की गई है और विशेष रूप से गेहूं की खऱीद की जा रही है।
दरअसल यूक्रेन पर रूस के हमलों के बाद बीते साल मई 2022 में कई लोगों ने बैन लगा दिया था। 13 मई 2022 को सरकार ने घरेलू बाजार में तेजी से बढ़ते अनुपात और उत्पादन में गिरावट के बाद जेनहू के सामने आने पर रोक लगा दी थी। भारत सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा स्थिति का प्रबंधन करने और पड़ोसी और कमजोर देशों की सुंदरता को पूरा करने के लिए व्हीक के कब्जे को प्रतिबंधित कर दिया था। वैश्विक बाजार में बदलाव और कितने की आपूर्ति ना होने के कारण भारत सरकार ने कई लोगों पर रोक लगा दी थी।
पिछले एक साल में सरकार ने ज्यादा से ज्यादा कब्जे को रोकने के बाद माना जा रहा था कि ज्यादा से ज्यादा कब्जे में आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। व्हीट के बांधों में भारी तेजी के बावजूद। फरवरी से मार्च के बीच सरकार ने व्हीट स्काई छूती जॉब पर व्याप के लिए खुले बाजार में सरकार व्हीकल व्हीकल के बाद भी जोखिम नहीं लिया। आटा अभी तक पक्का नहीं हुआ है। निर्माता बाजार में आटे के घटने का नाम नहीं ले रहे हैं। बाजार में अभी भी पैक्ड ब्रांडेड आटे का 10 किलो का पैकेट 410 से 426 रुपये में मिल रहा है। यानी एक किलो आटा 40 से 43 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है।
इस रबी सीजन में व्हीटी के बैंपर की उम्मीद जा रही है। लेकिन फरवरी के दूसरे फखवाड़े में फ्यूम में झूल देखा गया तो मार्च में बेमौसम बारिश के बाद गेहूं की फसल को लेकर चिंता बढ़ने लगी है। तापमान में फँसने और बेमौसम बारिश के बाद व्हीट के क्लोज प्रभावित हो सकते हैं यही कारण है कि सरकार हर किसी पर प्रतिबंध जारी रखना चाहती है।
ये भी पढ़ें