लघु बचत योजना दर 2023-24: कुछ ही घंटों के बाद सेंटर की मोदी सरकार छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले सहमत को बड़ा सौगात दे सकती है। वित्त मंत्रालय 2023-24 की अप्रैल से जून तिमाही के छोटी बचत योजनाओं के लिए व्याकुलता की समीक्षा करेगा। और इस बात के पूरे आसार हैं कि इन योजनाओं पर रोजगार बढ़ाने पर मंत्रालय निर्णय ले सकता है।
पिछली दो तिमाही से सरकार लगातार छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर में पेंशनभोगी रही है। पिछली बार वित्त मंत्रालय ने 30 दिसंबर 2022 को छोटी बचत योजनाओं पर 20 से 110 आधार बिंदु पर ब्याज बढ़ाने का फैसला किया था। जिसमें पीपीएफ (PPF) सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samridhi Yojna) पर व्याज रोजगार नहीं आवर्धन हुआ था। लघु बचत योजनाओं पर लक्ष्य बढ़ने की संभावना इसलिए भी अधिक है कि 8 फरवरी 2023 को आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी ने लगातार छठा बार 25 बेसिसपॉइंट रेट बढ़ाया था। अब रेपो रेट 6.50 प्रतिशत हो जाता है। 6 अप्रैल को आरोपित फिर से व्यामोह को लेकर अपना निर्णय लेने वाला होता है और माना जा रहा है कि रेपो रेट में फिर से अटका जा सकता है। फरवरी महीने में दस्तावेज दस्तावेजों के टॉलरेंस बैंड से 6.40 फीसदी से ऊपर बना है। झिझक अभी भी बेकाबू है।
वित्त मंत्रालय ने सितंबर 2022 और दिसंबर 2022 में छोटी बचत योजनाओं के व्याज की समीक्षा करते हुए किसान विकास पत्र (किसान विकास पत्र), पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाएं (डाकघर जमा योजनाएं) एनएससी (एनएससी) और सीनियर सिटीजन सेविंग व्हाइस (वरिष्ठ) की समीक्षा की। सिटीजन सेविंग स्कीम्स) के आधार में अंतर्निहित की है। लेकिन दोनों ही बार पी.एफ.एफ., सुकन्या समृद्धि योजना की योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया। अभी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) पर 7.1 प्रतिशत, सुकन्या समृद्धि योजना (सुकन्या समृद्धि योजना) पर 7.6 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है।
छोटी बचत योजनाओं पर लाभ बढ़ने का आधार है क्योंकि ईपीएफ पर 2022-23 के लिए ब्याज दर को बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया गया है। तो एक फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मल सितारामन ने बजट में महिला सम्मान डिपॉजिट का चयन किया है, जिसमें दो साल तक की जमा राशि पर 7.50 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है। इस बचत के लाभ के लिए लाभ और सुकन्या समृद्धि योजना पर कम लाभ मिल रहा है। इसलिए शेष बचत योजनाओं के साथ पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना के बजट का भी विस्तार किया जा सकता है
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