।आईएएस की सफलता की कहानी: यदि मन में किसी मंजिल को पाने का संकल्प, जज्बा हो तो यकीन मानिए कोई भी मंजिल नामुमकिन नहीं होती। कुछ ऐसी ही कहानी है कार्तिक जीवाणी की जिसने तीन बार सी (यूपीएससी) की परीक्षा दी और सफलता पाई। कार्तिक जीवाणी ने सन 2017 में 94वीं, सन 2019 में 84वीं और सन 2020 की परीक्षा में 8वीं रैंक प्राप्त कर अपना आईएएस बनने का सपना साकार किया। इसके लिए उन्होंने जी ब्रेक मेहनत की।
कार्तिक जीवाणी ने आईएएस बनने तक हार नहीं मानी। उन्होंने तीन बार इस कठिन परीक्षा को पास किया और आईएएस अधिकारी बनने का उनका सपना पूरा हो गया। गुजरात के रास्ते में रहने वाले कार्तिक ने अपनी 12वीं की पढ़ाई विज्ञान से पूरी तरह की।
उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए सिविल सेवा की परीक्षा देने का मन बनाया और परीक्षा दी लेकिन वह फेल हो गए। तब उन्हें समझ आया कि अच्छी से तैयारी करने के बाद ही परीक्षा में देना सही होगा। तैयारी शुरू कर दी. कार्तिक ने सन 2017 में 94वीं रैंक के साथ पहली बार सिविल सेवा की परीक्षा पास की। लेकिन उन्हें इतनी से संतोष नहीं हुआ। आईपीएस सेवा में प्राप्त होने के बाद भी वह आगे की परीक्षा की तैयारी में जी जान से जुट गए। सन 2019 में 84वीं रैंक के साथ उन्होंने एक बार फिर परीक्षा पास की।
8वां रैंक प्राप्त किया
कार्तिक ने आईएएस बनने के सपने को साकार करने के लिए दिन-रात पढ़ाई की। चूंकि उनके आईपीएस पद की भी पढ़ाई भी चल रही थी। इसलिए वह 15 दिन की छुट्टी लेकर अपने घर आ गए और 10-10 घंटे तक पढ़ाई की। सन 2020 में कार्तिक ने फिर से परीक्षा दी इस बात की उन्होंने परीक्षा 8वीं रैंक के साथ पास की। इस तरह उनका आईएएस बनने का सपना साकार हुआ। वह गुजरात के सबसे अधिक रैंक पाने वाले व्यक्ति बन गए।
अनुशासन जरूरी
कार्तिक के अनुसार, सिविल सर्विसेज में करियर बनाने के लिए यह पता लगाना चाहिए कि उसे क्या पढ़ना है और क्या नहीं पढ़ना है। अनुशासन बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि वे जिस विषय में सब्जेक्ट की पकड़ को मजबूत करते हैं, वहीं बाकी सब्जेक्ट के बारे में जानकारी जुटाते हैं और उन्हें उबालते हैं। IAS की परीक्षा की तैयारी के लिए सिर्फ 8 से 10 घंटे की पढ़ाई जरूरी है।
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