कच्चा तेल: स्टार्क ऑयल के दाम में आज विकेट देखा जा रहा है और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई क्रूड) क्रूड आज 8 फीसदी से ऊपर चढ़कर कारोबार कर रहा है। दरअसल सऊदी अरब (सऊदी अरब) ने कहा है कि वह मई के महीने से 2023 तक बिल्कुल सही तेल उत्पादन (तेल उत्पादन में कटौती) में प्रति दिन पांच लाख लघु शॉट करेगा। वहीं सऊदी अरब के साथ ईरान जैसे कुछ और तेल उत्पादकों ने भी तेल उत्पादन में कुल मिलाकर 11.5 लाख शटल की शटरिंग करने की घोषणा की है। इस कदम से आज तेल के दस्तावेजों में देखा जा रहा है। स्टार तेल में आज एक दिन में 8 प्रतिशत उछाल दर्ज किया गया, एक साल से ज्यादा समय के बाद देखा गया है।
आज हुआ कच्चा तेल महंगा- आगे क्या होगा
सऊदी अरब और कई देशों के लिए अचानक इस धारणा से वैश्विक तेल बाजार में भारी हलचल हो रही है और आज तेल के दाम बढ़ने के रूप में इसका असर होता दिख रहा है। इस कदम के कई और नकारात्मक प्रभाव भी निकट भविष्य में देखने को मिलेंगे। स्टार्क तेल के उत्पादन में छंटनी के बाद कच्चे तेल के बांध में डेक देखे जा सकते हैं। हालांकि, सऊदी अरब ने इस कदम को तेल बाजार को स्थिर करने के उद्देश्य से ‘आहतियाती कदम’ बताया है, लेकिन इसके बाद रियाद और अमेरिका के संबंधों में और तनाव आ सकता है। पहले ही यूक्रेन-रूस के युद्ध के चलते पूरी दुनिया को खबर हुई कि खबर घट रही है और अब तेल उत्पादन से सबसे बड़ी वैश्विक आशंका के बारे में और धारणा है।
भारत पर क्या दिखेगा असर/क्या बढ़ेगा पेट्रोल-डीजल के दाम
सऊदी अरब और अन्य तेल चक्रों ने कुल मिलाकर तेल उत्पादन में 11.5 लाख शटल की शॉट करने का एलान कर दिया है और यह निश्चित रूप से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ने की आशंका जताता है। भारत पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है और यहां पेट्रोलियम उत्पाद जैसे पेट्रोल-डीजल के दाम में हालांकि हो सकता है। भारत में पेट्रोल-डीजल के लिए चार्ट तेल की अधिकतर अधिपूर्ति से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है और ये तेल महंगा होने से देश का इंपोर्ट बिल बढ़ता है, जिम्मेदार दर और देश का व्यापार घाटा भी बना सकता है। झिरी को कम करने की कवायद के चलते देश का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ब्याज में भी ऐसा कर सकता है।
ग्लोबल इकोनॉमी पर क्या प्रभाव पड़ेगा
सर्वोच्च तेल का प्रभाव वैश्विक इकोनॉमी पर देखा गया क्योंकि सऊदी अरब और अन्य तेल सर्किट का ये फैसला रूस को समर्थन देगा जो यूक्रेन के साथ एक साल से अधिक समय से युद्ध जारी है। अमेरिका और अन्य देशों को इस तेल उत्पादन में कटौती के कारण चार्ट तेल और पेट्रोल-डीजल के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। वैष्णिक आर्थिक मंदी के साए और चरम सीमाओं के दौर में ये निर्णय इन देशों पर भारी पड़ सकते हैं।
सऊदी अरब ने क्या कहा
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने रविवार को कहा कि यह कुछ ओपेक और गैर-ओपेक सदस्यों के बीच समन्वय स्थापित करेगा। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। यह पिछले साल अक्टूबर में चयनित अभ्यर्थियों के अतिरिक्त होगा। सऊदी अरब और अन्य ओपेक सदस्यों ने पिछले साल तेल उत्पादन में कमी कर सरकार को नाराज कर दिया था। उस समय अमेरिका में मध्यावधि चुनाव होने वाले थे और प्रमुख चुनाव हुए थे।
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