छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए: मराठा साम्राज्य की छाया रखने वाले वीर छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु वर्षगांठ यानी पुण्यतिथि आज है। आज ही के दिन साल 1680 में उनका देहांत हुआ था। रायगढ़ किले में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली थी। शिवली केवल महान योद्धा नहीं बल्कि एक कुशल रणनीतिकार भी थे। 1674 ई. उन्होंने पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की छाया रखी। उन्होंने कई सालों तक मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया और औरंगजेब के शासन में जमकर मुकाबाला किया। सन 1674 में 44 साल की उम्र में उनका राज्यभिषेक हुआ और वे छत्रपति बने। जानिए शिव और उनकी बहादुरी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।
शिवाजी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- राज गद्दी संभालने के बाद शिवाजी को केवल 2 हजार मराठा सैनिकों की फौज मिली थी जिसका उन्होंने 10 हजार सैनिकों में बदला लिया। राजकाज की भाषा फरसी थी जिसे उन्होंने मराठी में बदला।
- शिवाजी ने गोंद युद्ध की नई तकनीकों को जन्म दिया और वे अकेले ही हजारों मजदूरों के लिए काफी हद तक हो गए। उन्हें युद्ध में हराना बहुत कठिन था।
- पुराने लोगों का मानना है कि शिवजी का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया था जबकि कुछ कहते हैं कि मूल देवता के नाम पर उनका नाम शिव पड़ा था।
- वे महिलाओं के अधिकार के लिए हमेशा आगे बढ़ीं। महिलाओं के सम्मान में किसी प्रकार की कमी नहीं आई, उनके राज्य में हमेशा ध्यान रखा गया। उनके राज में महिलाओं को जेल में डालने की अनुमति नहीं थी।
- शिवाजी महाराज ने आठ अधिकारियों की एक परिषद, अष्ट प्रधान मंडल की स्थापना की, जो अलग-अलग प्रकार के राजनीतिक और जापानी मुद्दों पर शिवाजी को मार्गदर्शन देते थे।
- छत्रपति शिवाजी महाराज को अपनी नौसेना बनाने के लिए मध्यकालीन भारत का पहला भारतीय राजा कहा जाता है। उन्होंने 1665 में अपना पहला नौसैनिक अभियान चलाया।
- शिवाजी की अधिकृत शिक्षा नहीं हुई लेकिन उन्हें रामायण और महाभारत की अच्छी जानकारी थी और वे हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने में यकीन करते थे।
- वे धार्मिक भेदभाव के खिलाफ सख्त थे और उनकी नेवी में दौलत खान और इब्राहिम खान जैसे कई वीर सैनिक थे।
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