एस एंड पी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डेटा: देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (विनिर्माण क्षेत्र) से अच्छी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि चार्ट माल के दामों में कमी से लागत के दबाव में कमी आने से नए ऑर्डर की संख्या में समस्या हुई है, जिसके कारण 2022 में देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (भारतीय विनिर्माण क्षेत्र) में काफी एक्सपोजर हुआ है।
जानिए क्या रहा है
दिसंबर 2022 में भारत का मैन्युफैक्चरिंग परचेसिंग मैनेजर सॉकेट (पीएमआई) 57.8 रहा है। जो नवंबर माह में 55.7 था। ये आंकड़े एसएंडपी (एसएंडपी) ग्लोबल के सर्वे में सामने आए हैं। अगर ये संख्या 50 से नीचे रहती है तो इसका मतलब यह होता है कि उद्योग कमजोर हो रही है। वहीं, 50 से ज्यादा आने का मतलब उद्योग जगत में दिखाई दे रहा है। यह लगातार 18वीं बार हुआ है जब भारत का मैन्युफैक्चरिंग PMI 50 से ऊपर हो रहा है। साथ ही पीएमआई की रीडिंग करीब 26 महीने में सबसे ज्यादा पहुंच गई है।
आज्ञा ने सींक उत्पादन
ऑउजेट ने वर्ष 2022 के अंत में मांग बनी रहने के कारण काफी उत्पादन बढ़ाया था। यही वजह है कि पिछले महीने का प्रॉब्लम नवंबर 2021 के बाद सबसे ज्यादा चल रहा है। गलती के कारण माल बनाने में खर्च करने से उसे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ है। ऐसा करीब 2.5 साल में पहली बार हुआ है। प्राधिकरण का कहना है कि मांग के कारण शीर्ष स्थान आ रहे हैं।
नवंबर से कम मांग रही है
डेटा में सामने आया कि दिसंबर में मांग दी गई लेकिन इसकी स्पीड नवंबर से कम थी। कई कंपनियां नए ऑर्डर हासिल करने में नाकामयाब हो रही हैं। मांग को आगे बढ़ाने और वस्तुओं का उत्पादन करने वालों के बीच ही खरीदारी भी बढ़ने की उम्मीद है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी उद्योग व्यवस्था अन्य देशों में काफी मजबूत स्थिति में है।
उत्पाद सफल रहे हैं
एसपी के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कुछ लोगों को 2023 में भारतीय मैन्युफैक्चरिंग उद्योग की अटकलों को लेकर संदेह है, लेकिन भारतीय कंपनियां इस बात को लेकर संबंध हैं कि वे उत्पादन को मौजूदा स्तर से सफलतापूर्वक उठाएंगे।
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