<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"दिल्ली 09वां, 11वां रिजल्ट 2023: कोरोना के प्रकोप से हम सभी को कई तरह का अनापशनाप सामना करना पड़ा। लेकिन इस दौरान कई बोर्ड के छात्रों-छात्राओं को बिना परीक्षा दिए ही पास कर दिया गया था। जिसके चलते प्रत्येक कक्षा में छात्रों के पास होने का परसेंटेज काफी शानदार था। मगर अब ये पास प्रतिशत कम होने लगा है। बात करें दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तो सत्र 2022-23 में 11वीं कक्षा पास प्रतिशत केवल 69.43% रहा। जबकि कोरोना से पहले ये 80.07% था।
सरकार के अनुसार ऐसा इसलिए है क्योंकि छात्रों का यह फॉर्म फॉर्म दर्ज किया गया था कि किसने ऑनलाइन दाखिले की और अलग-अलग चालान में मूल्यांकन के वैकल्पिक तरीके अपनाए थे। हालांकि कक्षा IX का पास प्रतिशत 2018-19 में 57.79% के मामले में 60.55% बेहतर है। 2019-20 में लॉकडाउन की घोषणा के वार्षिक कारण परीक्षा नहीं हो सकी थी। वहीं, पिछले 6 साल में 11वीं कक्षा का सबसे कम पास प्रतिशत 2022-23 सत्र में रहा है। कोरोना से पहले ये 80.07% था और कंपार्टमेंट परीक्षण के बाद यह संख्या बढ़कर 84.83% हो गई।
फिजिकल क्लास का आयोजन
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि प्रतिशत में गिरावट देखी गई है जिसके कारण कोरोना था। इसके चलते छात्रछात्राएं परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे। 2019-20 से 2021-22 तक प्रतिशत 95% से ऊपर रहा है। COVID-19 के कारण सरकार ने मूल्यांकन किया और संबद्धताएँ बंधी हुई थीं। 2022-23 में सामान्य पदावनत कैलेंडर बहाल कर दिया गया और भौतिक कक्षा आयोजित की गई।
कोरोना के समय बीतने का समय इतना ही था
आप बता दें कि 9वीं कक्षा की परीक्षा में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं पहले भी फेल होते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले छह सालों में साल 2017-18 में सबसे कम पास प्रतिशत (57.42%) रहा। कंपार्टमेंट के बाद यह पात्र सही कर 60.52% हो गया। COVID के दौर से पहले 2018-19 में पास प्रतिशत 57.79% था और कंपार्टमेंट के परिणाम के बाद भी यह मात्र 58.56% रहा। कोरोना के पिछले तीन अंक में कक्षा IX के पास प्रतिशत 88.49% से लेकर 84.72% के बीच रहा।
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