उच्च रहेंगे दूध के दाम: इस साल गर्मी के मौसम में दूध का इशारा आपकी जेब पर डाका डाल सकता है। दूध की चमक आपके घर का बजट टूट सकता है। वित्त 2023-24 के लिए पहली मॉनिटरी पॉलिसी का एलान करते हुए प्राधिकरण के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि इस गर्मी के मौसम में दूध के दाम तेजी से रह सकते हैं।
दूध के दामों में तेजी से जारी है
एसबीआई गवर्नर ने शिकायत का एलान करते हुए प्राधिकरण के रूख की जानकारी देते हुए कहा कि डिमांड-सप्लाई अलर्ट के अलावा चार के बांधों में तेज के चलते इस गर्मी के मौसम में दूध के बांधों में तेजी से बनी रह सकती है। मार्क मिनिस्ट्री ने मार्च महीने में दर्ज दर्ज के जो आंकड़े जारी किए थे उनमें ये भी स्पष्ट हो रहा था कि दुग्ध की चमकते दिन अच्छी हो जाती है। पिछले एक साल में दूध के दामों में 20 से 25 प्रतिशत से ज्यादा उछाल मिला है।
दूध की गड़बड़ी ने परेशान किया
मार्च महीने में फरवरी 2023 के लिए रिकॉर्ड दर्ज के लिए जो आंकड़े उसके अनुसार दर्ज हैं दूध और उससे जुड़े उत्पादों की झलक दर 10 प्रतिशत के करीब 9.65 प्रतिशत पर जा पहुंचें, 14 महीने पहले जनवरी 2022 में दूध और उससे जुड़े उत्पादों की पहली प्रविष्टि दर 4.09 प्रतिशत रही है। पिछले 14 महीने में दूध की दाहिनी ओर 136 टकियां आ गईं। ठीक मूल रूप से चमकते हुए निशान के मुताबित फरवरी 2023 में दुग्ध और उसके उत्पाद की चमक दर 10.33 प्रतिशत थी जबकि जनवरी में 8.96 प्रतिशत रही थी। पिछले एक साल में मदर दायरे और मूल पांच बार दूध के बांध टूट चुके हैं।
बने हुए दायरे उत्पाद, आयात पर अब विचार
दूध और बनने वाले उत्पादों के दामों में तेज टॉस का परिणाम ये है कि सरकार दायरे उत्पादों की पहुंच पर लगाम लगाने के लिए दायरे उत्पादों के आयात की अनुमति देने पर विचार कर रही है। कोरोना महामारी के बाद दायरे के उत्पादों की घरेलू मांग में 8-10 प्रतिशत की कमी आई है। दूध के बांध में अटका दूध की बढ़ती मांग, लागत में देनदारी और परिवहन लागत बढ़ने के कारण है। देश में अधिकारियों के लिए चार की कमी है। मांग बढ़ने और आपूर्ति सीमित होने के कारण डैमेज हो रहे हैं। इन सबका नतीजा ये है कि अब प्राधिकरण के गवर्नर भी कहते हैं कि दूध की झलक और सच्चाई हो सकती है।
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