भारत की मुद्रास्फीति दर अद्यतन: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (भारतीय रिजर्व बैंक) ने भले ही इस हफ्ते के दौरान रेपो रेट (रेपो रेट) में लोगों को इससे राहत नहीं दी है, लेकिन पिछले साल मई से अभी तक 2.5 प्रतिशत का सीडेंक बढ़ा है। इसका असर यह हुआ है कि देश के 74 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो अपने खर्च और बचत को लेकर परेशान हैं और अपने खर्च को कम करना चाहते हैं।
कचरा में बचत और खर्च करने के लिए कम से कम भारतीय रेस्तरां में डिनर और अपने टूर प्लान जैसे गैर-जरूरी खर्च में कटौती करना चाहते हैं। पीडब्ल्यूसी ग्लोबल कंजूमर इनसाइट्स ब्लॉग सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 6 महीने में 10 में से 6 भारतीय या 63 फीसदी लोग गैर-जरूरी खर्च घटाएंगे।
रोज़ के खर्च को नहीं कर पा रहे हैं ज्यादातर भारतीय
दिल्ली, मुंबई जैसे 12 बड़े सर्वे में करकर ये रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें कहा गया है कि आधा से ज्यादा भारतीय पिछले 1 साल से बढ़ रहे हैं क्योंकि अपने रोजाना के खर्च को ब्याज नहीं दे रहे हैं, जिस वजह से उन्हें परेशानी होती है हो रहा है।
खरीदारी करना चाहते हैं लोग
सर्वे में कहा गया है कि 47 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो डिसकाउंट वाली जगहों या सस्ती जगहों पर खरीदारी करना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर 45 प्रतिशत प्रीमियम प्रीमियम जैसे उत्पाद एक ही खरीदना चाहते हैं, जब उन पर कोई विशेष प्रस्ताव दिया जाएगा।
किन-किन गैर-जरूरी चीजों में ज्यादा कट
बिजनेस स्टैडर्ड अखबार के एक ग्राफ के अनुसार, 32 प्रतिशत लोग ऑनलाइन गतिविधियों से हटाना चाहते हैं। वहीं 32 प्रतिशत कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक चीजों में भी कटौती करना चाहते हैं। 31 प्रतिशत फैशन आदि की स्थिति में कमी, 30 प्रतिशत भारतीय पर्यटकों में कमी करना चाहते हैं। इसके अलावा, 21 प्रतिशत लोग गैर-जरूरी गाॅसरी में शूट की ओर देख रहे हैं।
पर्यावरण हितैषी घरेलू उत्पादों पर J
सर्वे में 80 प्रतिशत सक्षम लोग घरेलू उत्पादों की खरीदारी करना चाहते हैं, जिसके लिए वे अधिक खर्च करने के लिए तैयार हैं। ये उत्पाद पर्यावरण के लिए उपयोगी हैं। इसमें रिसाइकिल उत्पाद भी शामिल हैं और ऐसी चीजें हैं जिनसे बच्चे धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं।
ट्रेवेल जारी रखना चाहते हैं Young
सर्वे में ये भी कहा गया है कि 1997 के बाद और 1980 के शुरुआती वर्षों में पैदा हुए युवा अपना बदला ट्रेवेल जारी रखना चाहते हैं। सर्वे में कहा गया है कि कोविड के दौरान यात्रा नहीं कर पाए युवा अपने ट्रेवल प्लानिंग में कोई बदलाव नहीं करना चाहते हैं।
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