आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन धोखाधड़ी मामला: आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व कार्य निदेशक और सीईओ चंदा कोचर (चंदा कोचर) और उनके पति दीपक कोचर (दीपक कोचर) के ऊपर बैंकों की प्रविष्टि कासता रहा है। पीटीआई की खबर के अनुसार आईसीआईसीआई और वीडियोकॉन फ्रॉड केस (आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन फ्रॉड केस) मामले में सीबीआई (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चंदा कोचर, दीपक कोचर और वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत (वेणुगोपाल धूत) के खिलाफ अपना पहला आरोप लगाया। में पैर रख दिया है। इस चार्ट में इन तीनों के अलावा 6 और लोगों के नाम दर्ज हैं। सीबीआई ने 3,250 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड मामले में यह बड़ी कार्रवाई की है।
मामले की जांच कर रही सीबीआई ने यह चार्ज साइज मुंबई के सिटी सिविल एंड सेशन कोर्ट में जमा की है। चार्ज साइज में निगम ने एक लिपिक की धारा 420 (धोखाधड़ी), 20 बी (आपराधिक साजिश) और 409 (पब्लिक सर्वेंट द्वारा अपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला?
सीबीआई के अनुसार आईसीसीआई बैंक में सीईओ पद (आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर) पर रहने वाले चंदा कोचर ने कथित तौर पर 3,250 करोड़ रुपये के फ्रॉड को अंजाम दिया है। साल 2012 में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया था। इस लोन के बदले में वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति की कंपनी को लाभ दिया था।
इसके तुरंत बाद बैंक ने एक गैर-प्रदर्शनकारी संपत्ति (एनपीए) घोषित कर दी। इसके बाद घोटाले के आरोप में चंदा कोचर को साल 2018 में अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था। इस फ्रॉड मामले के मामले में कोचर दंडाधिकारी को 23 दिसंबर को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट से बाद में डंपत्ति को जनवरी, 2023 में जमानत मिली थी।
चार्ज साइज में धूत के रिश्ते का नाम भी शामिल है
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इस चार्ट के आकार में कोचर युग्म और धूत के अलावा एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और धूत के एक रिश्ते का नाम भी शामिल किया गया है। इस चार्ज को साइज का कर दिया गया है और अभी इसकी जांच चल रही है। इस जांच के बाद इस चार्ज की साइज की कॉपी को असाइन कर दिया जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई कोर्ट में होगी।