सीएनजी-पीएनजी की कीमतों में कमी: दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अडानी के बाद अब अक्षयप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) ने भी CNG के दामों में कटौती कर दी है। दिल्ली में दाम में 6 रुपये और गाजियाबाद और नोएडा में 5 रुपये की कटौती की गई है। वहीं IGL ने सन्दर्भ में 5 रुपये प्रति यूनिट तक की कमी करने का फैसला किया है। ये सेल कल वाई रविवार 9 अप्रैल, 2023 से होमैटिक्स को लागू करें। निर्देशांक में आवंटन के बाद दिल्ली में अब CNB 73.59 रुपये प्रति टिकट हो जाएगा। पहले यह 79.56 प्रति टिकट पर बिक रही थी।
एनसीआर के बाकी क्षेत्रों में नया डैम क्या है
दिल्ली में जहां सीएनजी 73.59 रुपये प्रति किराया बिक रहा है। वहीं नोएडा में यह 73.59 रुपये प्रति टिकट, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 77.20 रुपये और गुरुग्राम में 82.62 रुपये प्रति टिकट के होश से बिक रही है। निर्देशांक की बात करें तो दिल्ली में यह 48.59 रुपये, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में यह 48.46 रुपये प्रति SCM बिकेगी. वहीं गुरुग्राम, रेवाड़ी, करनाल और करनाल और कैथल में 47.40 रुपये बिकेगी.
पीएनजी के साथ भी हुए शॉट
इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने शनिवार को पाइप्ड संबंधित गैसों के निर्देशन में भी चयन करने का निर्णय लिया है। दिल्ली में 53.59 रुपये एससीएम (मानक घन मीटर) से घटक 48.59 रुपये एससीएम पर पहुंच गया है। डायरेक्ट्री में शूट करने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
CNG-PNG की नजर में हैं परफेक्ट लुक
आरोपितों का कहना है कि पिछले 2 वर्षों में सीएनजी के दस्तावेजों में 80 प्रतिशत से अधिक का मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली में अप्रैल 2021 से दिसंबर 2022 के बीच में सीएनजी की डायरेक्टोरियल में 15 बार सोर्स डाला गया है। अप्रैल 2021 तक सीएनजी की लिस्टिंग में 36.16 रुपये प्रति किलोग्राम यानी 83 प्रतिशत तक की प्रविष्टि दर्ज की गई है। आखिरी बार दिल्ली में सन्दर्भों में 17 दिसंबर, 2022 को आधार बनाया गया था। वहीं सर्टिफिकेट की बात करें तो 7 अगस्त 2021 से 8 अक्टूबर 2022 के बीच में इशारा की साइनिंग में 24.09 रुपये प्रति scm यानी 81 फीसदी तक की बात हुई है।
सीएनजी और रहस्यों के बारे में क्यों कम किया गया
ध्यान देने वाली बात ये है कि क्लोजर में गैस के पर्दे बनाने के लिए एक नया फॉर्मूला तैयार किया गया है। इस नई प्रणाली के घोषणा के बाद ही प्राधिकरण द्वारा सीएनजी और निर्देशों की कमी की गई है। कैबिनेट ने यह फैसला किरीट पारिख की अध्यक्षता वाले एक विशेषज्ञ पैनल के प्रस्तुत करने के बाद ही लिया है।