केदारनाथ में डिजिअल घोटाला: डिजिटल स्कैम लगातार बढ़ रहा है। ठग अब चारधाम के यात्रियों को देख सकते हैं। या यूं कहें कि सीजन के होश से ठगी को अंजाम दे रहे हैं। पिछले महीने ही केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के द्वार खुले हैं। पोर्टल के बाद लाखों की संख्या में लोग अब चारधाम की यात्रा के लिए तैयार हैं और इसी बात का लाभ अब ठग उठा रहे हैं। दरअसल, ठगों ने केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के बाहर कुछ क्यूआर कोड खोले हैं जिनके जरिए वे भक्तों से दान के नाम पर पैसा लूट रहे हैं। हो सकता है कि कई लोगों ने इन क्यूआर कोड के जरिए मंदिर के नाम पर अपना सहयोग भी दिया हो।
मंदिर समिति को रोक-कान नहीं कोई खबर
हैरानी की बात ये है कि वैश्विक समिति को इस बात की कानो-कान कोई खबर नहीं है। इस विषय में मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि ये क्यूआर कोड मंदिर समिति की तरफ से नहीं हटे थे. उन्होंने कहा कि ये कोड ठगो ने एक शहर के दिनों में यहां पर सभी को ठंडा कर दिया। इस मामले में मंदिर समिति ने एफआईआर भी दर्ज की है और मामले की जांच जारी है।
केदारनाथ-बद्रीनाथ में नहीं होता paytm से दान
मंदिर के कमेंट्री के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि दोनों ही धामों में पेटी के जरिए कोई भी दान नहीं लिया जाता है। वे चारधाम के लिए आ रहे भक्तों से अपील करते हैं कि वे किसी भी क्यूआर कोड के जरिए ऐसे धारक न हों। आपकी तरफ से दिया गया दान मंदिर के अच्छे कार्यों के लिए उपयोग करें इसलिए हमेशा दान आप ‘दान पेटी’ में ही करें।
बता दें, केदारनाथ धाम के द्वार 25 अप्रैल की सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर रवाना हुए, जबकि बद्रीनाथ धाम 27 अप्रैल से श्रद्धालुओं के लिए खुल गया है। अभी दोनों जगह ठंड है और लगातार बारिश हो रही है। आप यात्रा पर जाने से पहले उत्तराखंड पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल और वेदर अपडेट को जरूर चेक करें ताकि रास्ते में आपको कोई परेशानी न हो।
समाचार रीलों
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