दोषपूर्ण बैटरी के लिए एप्पल केस: क्या आप भी कई बार खराब बैटरी से परेशान हैं? यह सवाल हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इस तरह का ही एक नया आरोप अब एपेल पर लगाया गया है। एपल कंपनी नए विवाद में फंसा हुआ है। कथित आरोपों के चलते यूके में एपल पर 2 बिलियन डॉलर (करीब 163 अरब रुपये) का मुकदमा दायर किया गया है। अमेरिकी कंपनी का आरोप है कि उसने लाखों लोगों की बैटरी को एक सॉफ्टवेयर अपडेट कर छुपाया था। वहीं, ग्राहकों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि कंपनी अपने उत्पादों में इस्तेमाल होने वाली खराब बैटरी को ग्राहकों से छिपा रही है। आइए खबरों में जानते हैं क्या है पूरा मामला?
क्या एपेल पर मुकदमा किया?
यूनाइटेड किंगडम में आईफोन यूजर्स की ओर से कंज्यूमर चैंपियन जस्टिन गुटमैन ने मुकदमा दायर किया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेक दिग्गज अब यूनाइटेड किंडगॉम में 1.6 बिलियन पाउंड से अधिक व्याज के संदेह का सामना कर रहा है। दोष की न्यायिक फाइलिंग के अनुसार, गुटमैन के सभी तर्क हैं कि एपल ने कुछ फोन मॉडल में बैटरी के साथ इश्यू को छुपाया और अंगुलि में एक शक्ति का संकेत किया।
एपल ने क्या कहा?
हालांकि, एपल ने कंपनी पर कथित सभी झूठों को बेबुनियाद बताया है। कंपनी ने कहा कि ज्यादातर फोन की बैटरी खराब नहीं थी, केवल iPhone 6s मॉडल के कुछ यूनिट्स में इस खराबी का सामना करना पड़ा था। इसके लिए कंपनी ने कदम भी उठाए थे। कंपनी ने खराब बैटरी वाले iPhone 6s वाले कस्टमर्स की बैटरी फ्री में बदलने की पेशकश की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि Apple iPhone 6s की अकाउंटिंग में 10 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखने को मिली है।
आईफोन निर्माता ने इस आरोप से पूरी तरह इनकार किया है कि उसने अपने कस्टमर्स को आईफोन बैटरी के मामले में लागू किया है। कंपनी 2017 में एक सार्वजनिक मजाक की ओर भी इशारा कर रही है, जो ग्राहकों को सस्ती बैटरी बदलने की पेशकश करती है।
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