एआई मानव मन को पढ़ सकता है: पिछले साल से लगातार एआई गाइडलाइंस में है। इसका श्रेय ओपन प्रलेखन के चैट जीपीटी को जाता है। लगातार AI टूल पर काम किया जा रहा है और कई नई-नई चीजें खोजी जा रही हैं। इस बीच ये खबर सामने आ रही है कि अब AI आपके दिमाग को पढ़ सकता है। यानि आप क्या सोच रहे हैं और क्या करना चाहते हैं, ये सब जान सकते हैं और आपको लिख बता सकते हैं। दरअसल, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस के कुछ साइंटिस्ट ने एक ऐसा एआई टूल बनाया है जो फैंटेमिक मैग्नेटिक रेसोनांस रिकॉर्ड (एफ-एमआरआई) स्कैन के जरिए लोगों का दिमाग पढ़ सकता है। यानी ये टूल ब्रेन एक्टिविटी को डिकोड कर कम्प्यूटेशनल टेक्नोलॉजी की मदद से आपको ये लिखेंगे कि आप क्या सोच रहे हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस, ऑस्टिन के चार साइंटिस्ट ने फैंटेमिक मैग्नेटिक रेसोनांस जीएसआईसी (एफ-एमआरआई) स्कैन के जरिए तीन अलग-अलग लोगों की ब्रेन एक्टिविटी को 16 घंटे तक रिकॉर्ड किया। इस दौरान तीन को एक कहानी सुनाई गई। इन तीनों लोगों के दिमाग ने जो भी गतिविधि की उसे विभाजित करने के लिए संतों ने चैट जीपीटी के रूप में एक उपकरण बनाया और इसकी मदद से सब कुछ विभाजित कर दिया गया। सरल शब्दों में बस आप ये समझें कि एक ऐसा उपकरण बनाया जो लोगों की दिमागी सक्रियता को कन्वर्सेशन में बदल रहा है। हालांकि इस एआई मॉडल की मदद से सटीक नाम रिजल्ट नहीं आया लेकिन एक ब्लू प्रिंट साइंटिस्ट को मिला कि ये लोग क्या सोच रहे हैं।
इतना कर रहा है AI कनेक्शन
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बताए की 82 प्रतिशत तक था। इन तीन लोगों ने जो देखा और सुना उसे डिकोड करने में चार्टर मॉडल 72-82 प्रतिशत का शीर्षक था जबकि इमेजिनेशन को डीकोड करने में लगभग 41-74 प्रतिशत था। वहीं, साइलेंट फिल्मों को डिकोड करने में 21-45 प्रतिशत के बीच लग रहा है। यानि इन तीन लोगों ने जो साइलेंट फिल्म में देखा और ये 45% तक डिकोडिंग कर पाया। ये रिसर्च नेचर न्यूरोसाइंस जनरल में प्रकाशित हुआ है।
इस उपकरण से इन लोगों को होगा फायदा
वैज्ञानिकों ने कहा कि अभी इस एआई टूल को और ज्यादा ट्रेन और इस पर काम करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस एआई टूल की मदद से उन लोगों को खुशी होगी जो बोलने और सुनने में असमर्थ हैं या फिर किसी बीमारी से ग्रस्त हैं।
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