एआई पर जेफ्री हिंटन: जेफ्री हिंटन, अगर आपने ये नाम सुना है तो आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से वाकिफ जरूर होंगे कि फाइनल मार्केट में अभी क्या चल रहा है। जिन लोगों को जेफ्री हिंटन के बारे में पता नहीं है, वे बताते हैं कि ये वही व्यक्ति हैं जिन्हें एआई का गॉडफादर कहा जाता है। जेफ्री हिंटन ने अपने 2 साथियों के साथ मिलकर पहली बार इस तकनीक पर काम किया और समूह से एआई पॉपुलर हुआ। उन्होंने न्यूरल नेटवर्क की खोज की थी जिस आधार पर चैट जीपीटी और गूगल बार्ड जैसे उपकरण विकसित किए जा रहे हैं।
मुलाकात में कही ये बात
गूगल से इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को जेफ्री हिंटन ने रायटर्स को इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के लिए अभी तक क्लाइमेट चेंज से ज्यादा खतरनाक एआई बना हुआ है। यदि इस पर नियम या कानून नहीं बना तो ये परेशानी बन सकती है। जेफ्री हिंटन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के लिए लोगों से कार्बन का उपयोग न करें या अन्य कुछ उपायों के लिए कहा जा सकता है जिससे ये कम हो सके लेकिन एआई के साथ अभी ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि टेक जानकारों को एआई की पूरी जानकारी है, इसलिए जानकारों और पॉलिटिकल लीडर्स को एक साथ मिलकर इस पर बात करनी चाहिए और कुछ नियम बनाने चाहिए।
गूगल से दी गई इस्तीफ़ा
जेफ्री हिंटन ने कुछ समय पहले ही स्माइल से इस्तीफ़ा दे दिया था। उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा कि वे गूगल इसलिए छोड़ रहे हैं ताकि वे फ्रैंक एआई के नकारात्मक प्रभाव पर बात कर सकें। जेफ्री हिंटन ने कहा कि आज कंपनियां चैट जीपीटी जैसा टूल बनाने के लिए पागल हो रही हैं और इस क्षेत्र में कम्प्यूटेशन को बताना असंभव है। उन्होंने कहा कि ऐसे काम के बाद गलत इनफार्मेशन का चलन तेजी से बढ़ रहा है और कोई भी ये नहीं बताता कि सच क्या है। एआई के गॉडफादर ने कहा कि एक चुनौती ये भी होगी कि किस तरह के गलत लोगों को एआई के बुरे इस्तेमाल से रोका जाएगा।
वाइट हाउस में मुलाकात हुई
एआई को लेकर हाल ही में वाइट हाउस में एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें गूगल के सीईओ सुन्दर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख सत्य नडेला शामिल थे, जिसमें कई ऑबलॉग्स के रिप्रेजेंटेटिव शामिल थे। इस बैठक में एआई से जुड़े कंसर्न और सुरक्षा उपायों पर बात की गई।
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