ईयरबड्स बनाम ईयरफोन: एक बार जब वायरल ईयरफोन लोगों के चेहरे में दिखाई देता था। फिर प्रौद्योगिकी का विकास हुआ और वायरलेस उत्पाद पेश किए गए। कई स्मार्टफोन में तो वायर्ड ईयरफोन के लिए पोर्ट पूर्ति बंद हो गई। अब मजबूरन इस तरह स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को वायरलेस बैड्स की तरफ कर दिया गया। इन स्मार्टफोन में पहला नाम तो देखने वाला ही है। हालांकि, आज भी ऐसे कई स्मार्टफोन हैं, जो पोर्ट दे रहे हैं। अब सवाल है कि अगर आप ऐसा स्मार्टफोन यूज कर रहे हैं तो किस वायर के लिए पोर्ट है तो आपको बेड और ईयरफोन में से किससे जोड़ा जाना चाहिए?
वायरलेस ईयरबड्स
वायरलेस ईयरबड कई लोगों के लिए काफी बड़े होते जा रहे हैं। हालांकि, वायरलेस ईयरबड्स वायर्ड ईयरफोन से ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। वायरलेस ईयरबेड रेडियोफ्रीक्वेंसी (RF) रेडिएशन का आपस में संबंध हो सकता है, जिसे कैंसर के बढ़ते जोखिम से जोड़ा जाता है। इसके अलावा, वायरलेस ईयरबड्स आसानी से कान से बाहर गिर कर खो भी सकते हैं।
वायर्ड ईयरफोन
वायरलेस ईयरबड्स की तुलना में तार वाले ईयरफोन के कानों से गिरने की संभावना कम होती है, और वे आरएफ रेडिएशन नहीं बढ़ाते हैं। हालांकि, जब आप व्यायाम कर रहे हों या अन्य गतिविधियां कर रहे हों तो वायर्ड ईयरफोन का उपयोग करना अधिक कठिन हो सकता है।
आपके लिए कौन सुरक्षित है?
वायरलेस ईयरबड्स और वायर्ड ईयरफोन के बीच चयन करने का सबसे अच्छा तरीका आपकी व्यक्तिगत पसंद और प्रायरिटी पर निर्भर करता है। यदि आप RF रेडिएशन से सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, तो वायर्ड ईयरफोन आपके लिए बेहतर विकल्प है। हालांकि, यदि आप अधिक रहने और हाथ से सुनने के अनुभव की खोज कर रहे हैं, तो वायरलेस ईयरबड्स एक बेहतर विकल्प है।
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