नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के 40 मेडिकल घोषणाओं की मान्यता रद्द कर दी है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने 150 चिकित्सीय घोषणाओं की निगरानी में रखा है, यानी इन पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है। सूत्रों के हवाले से मिल रही खबर के मुताबिक, सरकार ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि जांच के दौरान इन दावों में कई तरह की कमियां पाई गईं। ये जांच राष्ट्रीय मेडिकल कमीशन के यूजी बोर्ड ने की थी जिसके बाद इन घोषणाओं की मान्यता रद्द करने का फैसला किया गया है।
कहां की मान्यता की मान्यता रद्द हुई?
केंद्र सरकार ने जिन 40 मेडिकल नामांकन की मान्यता रद्द की वो, गुजरात, असम, पुद्दुचेरी, तमिलनाडु, पंजाब, क्षेत्र प्रदेश, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल राज्य के हैं। वहीं बाकी के 150 मेडिकल अनाउंसमेंट की जांच अभी भी जारी है। कहा जा रहा है कि अगर जांच के दौरान इन शिकायतों में कोई कमी पाई गई तो उनकी भी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
किस तरह की कमियां मिली थीं
मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक इन 40 शिकायतों में कई तरह की कमियां मिलीं, जिनमें कैमरा, बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस, फैकल्टी जैसे मुख्य मुद्दे थे। इसके साथ ही कई और मानकों पर भी ये कॉलेज जांच के दौरान खरे नहीं उतरे। हालांकि, इन दस्तावेजों के पास भी मान्यता रद्द करने के खिलाफ अपील करने का विकल्प मौजूद है। घोषणा की घोषणा रद्द होने की वजह से 30 दिनों के भीतर नेशलन मेडिकल कमीशन के पास अपील कर सकते हैं।
छात्रों का क्या होगा?
इस कार्रवाई के बाद यह सवाल उठ रहा है कि जिन नामांकनों की मान्यता रद्द हो गई है, उनमें से छात्रों का क्या होगा। अभी इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन ये जरूर है कि आवंटन के पास अभी भी अपील करने का विकल्प है, ऐसे में अगर ये फैसला वापस हुआ तो छात्रों की पढ़ाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन अगर मान्यता रद्द होती है रहा तो फिर सरकार छात्रों के लिए कोई और रास्ता निकालेगा।
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