आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन ऋण धोखाधड़ी मामला: मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार (5 जनवरी) को वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत (वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत) की एक याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में दावा किया गया था कि आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर (आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर) से जुड़े लोन धोखाधड़ी मामले में सीबीआई की ओर से उनकी गिरफ्तारी अवैध है।
कोर्ट ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर (पति दीपक कोचर) की तरफ से घर के खाने, देखने, देखने और कुर्सियों का इस्तेमाल करने से जुड़ी याचिका को भी खारिज कर दिया है। विशेष न्यायाधीश एम आर पुरवार ने किसी भी तथ्य को ध्यान में नहीं रखते हुए खारिज कर दिया है।
ट्रो व्यू में
कोर्ट ने जेल अधिकारियों को चिकित्सा अधिकारियों से परामर्श कर उन्हें भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। सीबीआइ कोचर दंपति को 23 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था, जबकि धूत को 3 दिन बाद गिरफ्तार किया गया था। अब तीनों ही व्यू व्यू में हैं।
धूत ने गिरफ्तारी को चुनौती
धूत ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दावा किया कि यह अवैध है और मामले में आने की मांग की थी। धूत के वकील एस एस लड्डा ने वकील वायरल बाबर के (वकील एसएस लड्डा, अधिवक्ता वायरल बाबर के साथ) याचिका दी कि धूत को केवल इसलिए गिरफ्तार किया गया है। क्योंकि कोचर की गिरफ्तारी के बाद जांच अधिकारी दबाव में आ गए थे।
धूत के सरकारी गवाह बनने का डर था
वीडियोकॉन ग्रुप के संस्थापक के वकील ने कहा कि कोचर दंपति की रिमांड पर पहली सुनवाई के दौरान उनके वकील ने सवाल किया कि धूत को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है। वकील लड्डा ने कहा कि कोचर युग्मक को डर था कि कहीं सरकारी गवाह न बन जाएं।
क्या है मामला
आसान हो कि सीबीआई ने वर्ष 2019 में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और आपराधिक आरोप सहित भारतीय दंड सहित दर्जी के तहत प्राथमिक दर्ज की थी जिसमें चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत सहित दीपक द्वारा आपकी न्यूपॉवर रिन्यूएबल (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड का नामकरण किया गया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह के प्राधिकरण को बैंक नियम अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के जाम का उल्लंघन कर 3,250 करोड़ का लोन बंधक बना लिया। कथित तौर पर इसके बदले में धूत ने दीपक कोचर की कंपनी में साल 2010 से 2012 के बीच 64 करोड़ रुपए का निवेश किया।
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