कंझावला दुर्घटना मामला: दिल्ली के कंझावला कांड में पुलिस रोज नया खुलासा कर रही है। पुलिस को अब पता चला है कि जिस व्यक्ति ने 20 साल में अंजलि सिंह को घसीटकर ले जाने वाली कार चलाने का आरोप लगाया है, वह दुर्घटना के समय वाहन के अंदर नहीं था। पुलिस को यह भी पता चला है कि घटतेपन को उसके चचेरे भाई और दोस्तों ने पुलिस को यह बताने के लिए कहा कि वह उस समय उनके साथ था, क्योंकि उनमें से केवल उसी के पास ड्राइविंग लाइसेंस है।
पुलिस जांच में एक और अहम बात सामने आई है। पता चला है कि दीपक की उस समय के दृष्टिकोण के मामले में अन्य चार निगमों से मेल नहीं मिला था। पुलिस ने कहा कि उसके फोन रिकॉर्ड और कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह पूरे दिन घर पर ही था। दीपक ग्रामीण सेवा है और उसे भी एक जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
‘अमिट लॉक डाउन हो गई थी कार’
विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्री हुड्डा ने कहा कि ब्रोकरेज से पूछताछ के दौरान पता चला कि प्राथमिक में नामजद पांच लोगों में से एक अमिताभ बच्चन कथित तौर पर कार चला रहा था। हुड्डा ने कहा कि इस बात को साबित करने के लिए उनके पास वैज्ञानिक प्रमाण हैं।
बचने के लिए ये तरकीब
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार (5 जनवरी) को कहा, “हादसे के बाद अमित ने अपने भाई के कूटनैतिकताओं को इस बारे में बताया। फिर कूटों ने दोष पहचानने के लिए दीपक (उनके चचेरे भाई) से संपर्क करने को कहा, जिसका पास लाइसेंस है। हम कूट और आशुतोष नाम के एक अन्य व्यक्ति की खोज कर रहे हैं।”
अब आशुतोष भी सीखा गया
बता दें कि आशुतोष ही वही बलेनो कार का मालिक है, जिसका इस्तेमाल चल रहा था। पुलिस ने आशुतोष को शुक्रवार (6 जनवरी) को गिरफ्तार कर लिया है। आशुतोष पर पुलिस से झूठ बोलने का भी आरोप है। पुलिस ने बताया कि आशुतोष ने जाल को पकड़ने की कोशिश की थी और साथ ही पुलिस से तथ्य छिपाए और गलत जानकारी दी।
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