जैक मा: कभी एशिया के सबसे धनवान शख्स रहे जैक मा के लिए मुश्किलों का दौर जो शुरू हुआ तो अभी तक खत्म नहीं हुआ। काफी समय तक उनके बारे में खबरें आती रहती हैं कि वो गायब हो गए हैं लेकिन 2 महीने पहले उनके बारे में खबरें आईं कि वो जापान में रह रहे हैं। अब एक ऐसी खबर आई है जो जैक मा के लिए सबसे बड़ा झटका है। एंट ग्रुप के फाउंडर जैक मा के हाथों से अपनी ही कंपनी का कंट्रोल निकल गया है। अब समूह में उनका क्लैन्ड कंपोनेंट केवल 10 प्रतिशत रह गया है और कंट्रोलिंग राइट्स भी समाप्त हो रहे हैं।
एंट ग्रुप के बयानों से खबर की पुष्टि हुई है
आज सुबह एंट ग्रुप के एक बयान के अनुसार चीन के अरबपति और दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी (अलीबाबा) के संस्थापक जैक मा के पास अब कंपनी का नियंत्रण नहीं रहेगा। इस फिनटेक दिग्गज ने अपने शेयर होल्डिंग स्ट्रक्चर को इस तरह समायोजित किया है कि अरबपति जैक मा के पास अब इसके अधिकार नहीं रह गए हैं और कंपनी के वोटिंग अधिकार भी उनके पास नहीं हैं। कंपनी ने अपने कंफर्मेशन में ये भी कहा कि ग्रुप के शेयर होल्डर ऐसे एडजस्टमेंट के लिए राजी हो गए हैं जिसके बाद जैक मा के सारे वोटिंग राइट्स खत्म हो रहे हैं।
एंट ग्रुप को आईपीओ के लिए और इंतजार करना होगा
पहले ये खबर सूत्रों के टूटने से आ रही थी पर अब इसे लेकर समाचार एजेंसी AFP पर स्पष्टीकरण आ गया है जिसमें इस बात की पुष्टि होती है कि जैक मा का सबसे कीमती ऐसेट उनके हाथ से निकल गया है। एंट ग्रुप के शेयरहोल्डिंग एक्ट में बदलाव का मतलब ये है कि यह अपने आईपीओ के लिए है और ज्यादा इंतजार करना होगा जो पहले से ही लंबे समय से इंतजार कर रहा है। चीन की सरकार ने साल 2021 में एंट कंपनी का ब्लॉकबस्टर 37 अरब डॉलर के आईपीओ पर रोक लगा दी थी और अलीबाबा कंपनी पर भरोसे का सेवन करने के नाम पर रिकॉर्ड 2.8 अरब डॉलर का जुर्माने लगा था।
जैक मा की मुश्किलें क्यों और कब शुरू हुईं
हालांकि एंट ग्रुप के शेयरहोल्डर्स की आर्थिक स्थिति पर घटनक्रम से कोई असर नहीं होगा पर जैक मा के लिए ये खबर दुखद होगी क्योंकि जिस कंपनी को खड़ा करने के लिए उनका सबसे बड़ा योगदान था, अब उसी में उनका वोटिंग राइट्स करीब 50 प्रतिशत घटक हैं 6.5 फीसदी पर आ गए हैं। जैक मा की मुश्किलों की शुरुआत साल 2020 में हुई थी जब उन्होंने चीन की सरकार की आलोचना की थी और इसके बाद उनकी नेटवर्थ में भी गिरावट आई थी।
चीन की सरकार की आलोचना करने के बाद उनके सहयोगियों को परेशानी हुई
जैक मा ने 2020 में चीन की अहम आलोचना की थी। उन्होंने चीन की वित्तीय अभिलेख प्रणाली की आलोचना करते हुए सरकारी महानुभावों की तुलना सुदखोरों से की थी। उन पर सरकारी साधुओं का सूदखोरों वाला रवैया (पॉन शॉप मेंटलिटी) रखने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रमाणन (बेसल समझौते) पर भी प्रश्न स्वीकार किए थे। उसके बाद उसके द्वारा बनाए गए अरब एंट और अलीबाबा को चीनी प्रशासन ने काफी परेशान किया।
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