एविएशन इंडस्ट्री बजट 2023 की उम्मीदें: फरवरी में वित्त मंत्री निर्मल विवरण (वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण) ने आम बजट पेश किया है। वित्त वर्ष 2023-24 में संसद में अपना बजट पेश किया गया है। बजट से पहले हर सेक्टर की सरकार ने उम्मीद जताई है। आज हम जिस सेक्टर की बात करने वाले हैं उसका नाम एविएशन सेक्टर (एविएशन सेक्टर) है। एविएशन सेक्टर को पिछले दो साल में कोरोना महामारी के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन दिसंबर के तिमाही के दूरसंचार से एविएशन सेक्टर ने राहत की सांस ली है। ऐसे में इस इंडस्ट्री को उम्मीद है कि सरकार उन्हें वित्त वर्ष 2023-24 में टैक्स में छूट की छूट देगी। इससे एयरपोर्ट और एयरलाइंस के मेंटेनेंस में कमी आएगी।
विमान ईंधन लगातार महंगा हो रहा है
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में विमान के रेंट में बहुत तेजी से स्पॉट हुई है। ऐसे में इस सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार इस बजट में जेट फ्यूल पर लगने वाले सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी (सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी) को कम अधिकार देती है। वर्तमान सरकार के विमान ईंधन पर 11 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगा रही है जिसे 4 से 5 प्रतिशत की मांग की जा रही है। एक्साइज ड्यूटी में किराए से अलग अलग और एयरलाइंस इंडस्ट्री (एविएशन इंडस्ट्री) को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
जीरो एक्साइज ड्यूटी की मांग है
इसके साथ कुछ एविएशन सेक्टर से जुड़े लोगों की यह मांग है कि सरकार जेट फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी न वसूलें क्षेत्रीय कैरियर स्टार एयर के मुख्य कार्यकारी कैप्टन सिमरन सिंह तिवाना ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि GST काउंसिल विमान प्राधिकरण यह छूट वह जिस इकोनॉमी क्लास से 5 प्रतिशत पंजीकृत हैं उन्हें सरकार क्रेडिट में संशोधित कर देगा। इसके साथ ही एविएशन से जुड़े लोगों की यह मांग है कि सरकार को इनकम टैक्स सिस्टम में भी बदलाव करना चाहिए क्योंकि इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के कारण कस्टमर्स द्वारा दिए गए टैक्स सरकार के पास जमा हो जाते हैं। इसके बाद के महीनों या कभी-कभी वर्षों तक कैश फ्लो चलता रहता है क्योंकि यह रिफंड सरकार के पास अटके रहते हैं। ऐसे में एविशन सेक्टर से जुड़ें लोगों की यह मांग है कि इस सिस्टम में बदलाव होना चाहिए और टैक्स रिफंड समय पर जनरेट होना चाहिए।
MAT में शॉट की मांग
एक्साइज ड्यूटी में शॉट के साथ ही एविएशन सेक्टर से जुड़े लोगों की यह मांग है कि सरकार एयरपोर्ट और एविएशन सेक्टर में लगने वाले मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (MAT) पर भी कम से कम दो साल की छूट दें। इसके साथ ही इंडस्ट्री के लोगों ने सरकार के सामने यह मांग रखी है कि अगर MAT में पूरी तरह से शॉट नहीं लगाया जा सकता है तो सरकार उसे 17.47 फीसदी कम करके 5 प्रतिशत कर देगी। इससे एयरपोर्ट के खर्च में बड़ी कमी आएगी।
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