यूपीआई लिंकेज सिंगापुर पेनाउ ऐप: आप अगर भारत और सिंगापुर के बीच अक्सर डिजिटल संबंध करते हैं, तो अब आप दोनों देशों के बीच डिजिटल स्वामित्व पर कम चार्ज करेंगे। हो सकता है कि सिंगापुर के सेंट्रल बैंक (सिंगापुर सेंट्रल बैंक) ने सोमवार को कहा कि भारत की एकीकृत भुगतान प्रणाली (एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस) यानी यू मानक (UPI) और सिंगापुर के पेनाऊ (PayNow ऐप) की एकता जल्द ही शुरू होगी और ऐसा होने पर पैसे की लागत 10 साल कम होगी।
जी-20 बैठक में दी गई जानकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण (सिंगापुर की मौद्रिक प्राधिकरण) के मुख्य वित्त-प्रौद्योगिकी अधिकारी सपनेंदु मोहंती (मुख्य फिनटेक अधिकारी सोपनेंदु मोहंती) ने वित्तीय समावेशन पर आयोजित जी-20 बैठक में यूएडमिशन और पेनाऊ के प्रमाणीकरण के बारे में जानकारी दी। उनका कहना है कि ”भारत के यूएझाएशन और सिंगापुर के पेनाऊ का समझौता हो चुका है और इसे पेश करने का इंतजार कर रहा है।
10 प्रतिशत कम लागत आएगी
आपको बता दें कि दोनों देशों के डिजिटल भुगतान नेटवर्क के बीच एकीकरण होने से आपसी प्रतिस्पर्द्धी संबंध पर पैसा एक-दूसरे देश में भेजा जा सकता है। इससे पैसे मिलने पर सरचार्ज या लागत में 10 प्रतिशत की कमी आएगी। मोहंती ने कहा कि, मौजूदा सिंगापुर से भारत को एक अरब सिंगापुरी डॉलर भेजा जाता है, जबकि भारत से सिंगापुर को 20-30 करोड़ सिंगापुरी डॉलर की राशि मिलती है। उम्मीद है कि भारत के अलावा मलेशिया के साथ भी डिजिटल पे नेटवर्क की एकता होगी। सिंगापुर का पहले से ही इंडोनेशिया के साथ इस तरह का गठजोड़ है।
कोड देने वाली बात
इस क्षेत्र में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दिलीप अस्बे का कहना है कि भारत दूसरे देशों को भी डिजिटल भुगतान ढांचा तैयार करने में मदद के लिए यूफ़ाई की तकनीक एवं कोड मुफ़्त देने को तैयार है है। उन्होंने कहा कि कानूनी और लागत संबंधी बाधाओं से कहीं अधिक बड़ी चुनौती ब्योरा साझा करने से संबंधित नियम हैं।
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