भारत में ठंड से होने वाली मौतें: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। परा दिन-ब-दिन नीचे जा रहा है। पहाड़ी राज्यों में असुरक्षित क्षेत्रों की तंगी में ठंड को देखने को मिल रही है। आईएमडी ने कोहरे को लेकर भी अलर्ट जारी किया है। वहीं ये ठंड अब धीरे-धीरे कातिल होती जा रही है। ठंड के कारण सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही पूरी तरह की उलझनें हो रही हैं।
द वेदर चैनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीती 6 जनवरी को ही उत्तर प्रदेश के दर्षन में दिल का दौरा और मस्तिष्क स्थित ने 25 लोगों की जान ले ली. जयपुर में लक्ष्मीपत सिंघानिया इंस्टीट्यूट ऑफ कार्ड शब्दों और कार्डियक सर्जरी के आंकड़ों के अनुसार, जिले में अब तक ठंड के कारण मरने वालों की संख्या 98 हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते 723 बोल्ड राइट ने अस्पताल के इमरजेंसी और आउट पेशेंट डिपार्टमेंट का दौरा किया था। ये कडकड़ाती ठंड से पीड़ित 14 को शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वहीं 6 की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि 8 की मौत अस्पताल में लाते-लाते ही हो गई।
कोहरे के कारण कितने लोग जलते हैं?
भारत में कोहरे के कारण हुई सड़क हादसों में प्रतिदिन औसतन 14 लोगों की मौत हो रही है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के औरास क्षेत्र में आगरा-लखनऊ एक्प्रेस-वे पर सोमवार सुबह सुबह सुर कोहरे के कारण एक बस के ट्रक से टकरा जाने से बस में सवार चार लोगों की मौत हो गई। इनमें चालक और तीन नेपाली नागरिक शामिल थे। एक अन्य घटना में, सुल्तानपुर जा रहा एक बस पिपरौली गांव में एक्सप्रेस से नीचे गिर गया, जिसमें तीन यात्रियों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक रिपोर्ट ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं 21’ के अनुसार, पिछले सात वर्षों में कोहरे के कारण कुल 7,994 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। इसमें 5,740 लोगों की मौत हुई और 4,322 लोग गंभीर या मामूली रूप से घायल हुए।
आईएमडी ने कहा कि किसी को नुकसान होने की वजह से अधिक होने की आशंका बनी रहती है इसलिए लोग धीरे-धीरे गाड़ी चलाते हैं और ‘फॉग लाइट’ का इस्तेमाल करने को कहते हैं। मोतियाबिंद, ब्रोंकाइटिस और फेफड़े से संबंधित अन्य पीड़ित लोगों को ठीक होने के कारण श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
2022 में ठंड के कारण कितना हुआ?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया है कि साल 2022 में भारत में ठंड के कारण 2,227 गड़बड़ हुई। ये पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा है। आईएमडी द्वारा जारी किए गए पहले आंकड़ों के अनुसार, 2021 में मरने वालों की संख्या 1,750 थी और 2020 में भारत में 1,338 लोगों की मौत हुई थी।
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