भारतीय मानक ब्यूरो: ऑनलाइन खरीदारी की सुविधा से कई चीजें सरल हो चुकी हैं। हालांकि फ्रॉड को लेकर भी कई मामलों में बात बनती है। इस कारण सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए समय-समय पर सूचनाओं में बदलाव किया है। सरकार ने जानकारी दी है कि कैसे कोई ग्राहक ठगी करने वाले या डेटा चोरी करने वाले प्लेटफॉर्म से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। रात 12 बजे केंद्रीय उपभोक्ता मामला भोजन और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक सवाल का जवाब दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने जवाब में लिखा है कि भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने ‘ऑनलाइन कंज्यूमर्स रिव्यू, प्रिंसिपल एंड फ्रेमवर्क को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके अनुसार, ई-कॉमर्स में पकना और भ्रम की समीक्षा से उपभोक्ता की सुरक्षा के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं। भारतीय ब्यूरो की ओर से जारी किया गया यह विवरण सभी ऑनलाइन एजेंसियों पर लागू होता है।
फेक रिव्यू नहीं दे सकता कोई प्लेटफॉर्म
बीआईएस की सूचनाओं के अनुसार कोई भी फेक रिव्यू प्लैटफॉर्म पर पोस्ट नहीं कर सकता है। सभी श्रेणियों का पालन करना अनिवार्य है। अगर कोई प्लेटफॉर्म ऐसा करता है तो कार्रवाई की जा सकती है। सरकार की ओर से जारी किया गया यह विवरण ग्राहकों की गोपनीयता, सुरक्षा, योग्यता और शेयर आदि के अधिकार प्रदान करता है।
ऐसे की जा सकती है फेक प्लेटफॉर्म की जांच
मानक ब्यूरो कई तरह से सत्यापन करता है- बीआईएस चेक करता है कि इस प्लेटफॉर्म के बारे में सही समीक्षा की गई है या फिर नकली तरीके से समीक्षा पोस्ट की गई है। यहां इसके लिए कई तरीके बताए गए हैं।
समाचार रीलों
- ईमेल पते को सत्यापित किया जाता है कि इसका उपयोग एक बार या फिर कई बार किया जाता है
- उपयोगकर्ता के डोमेन नाम और ईमेल एड्रेस की पुष्टि
- एक ईमेल ब्लॉक जो एक लिंक पर क्लिक करके समीक्षाकर्ता से उनके पंजीकरण की पुष्टि करने के लिए कहता है
- वेबसाइटों की सुरक्षा करने वाले प्रोग्राम से सत्यापन
- टेलीफोन कॉल या एसएमएस से सत्यापन
- पहचान का सत्यापन द्वारा एकल साइन-ऑन (एसएसओ)।
- एड्रेस या आईपी एड्रेस से पहचान
- प्रति ईमेल प्रॉक्सी सत्यापन द्वारा एक उपयोगकर्ता का उपयोग करता है
- कैप्चा सिस्टम का उपयोग करके वेरिफिकेशन
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