इंटरनेट ने लोगों की जिंदगी आसान तो बना दी है, लेकिन कई परेशानियां भी बढ़ा दी हैं। एक गलत क्लिक लोगों की मेहनत को पानी-पानी करता है। आप सभी ने फर्जी वेबसाइट के जरिए होने वाली धोखाधड़ी के बारे में इंटरनेट के माध्यम से पढ़ेंगे। एक पकना वेबसाइट हुबहू वास्तविक वेबसाइट की तरह दिखती है। इसी के कारण आपस में कोई फ़र्क नहीं पड़ता और अपना पैसा जमा नहीं होता। फर्जी वेबसाइट किसी की भी हो सकती है। पढ़ाई लिखाई हो, खरीदारी हो या फिर न्यूज वेबसाइट। आज इस लेख के माध्यम से जानिए कि आप कंपना और वास्तविक वेबसाइट में कैसे अंतर कर सकते हैं।
इस तरह करें पकना असली की पहचान
-यदि आप किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जाते हैं तो सामान की समीक्षा, उसकी रिटर्न पॉलिसी, ग्राहक समर्थन, संपर्क विवरण, कार्यालय का पता आदि जानकारी प्राप्त करें। अगर ये सभी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है तो समझो की वेबसाइट फर्जी है।
– जब कोई व्यक्ति या कंपनी वेबसाइट बनाती है तो उसे यूनीक डोमेन नेम खरीद लेता है। हर वेबसाइट का अलग-अलग डोमेन नाम होता है। अगर किसी वेबसाइट का डोमेन नेम दूसरी वेबसाइट की तरह है तो समझो इसमें से एक वेबसाइट फर्जी है। फर्जी वेबसाइट पर कंपनी से जुडी सभी जानकारियां नहीं होंगी।
समाचार रीलों
– कोई भी वेबसाइट पर दिखावा करते समय उसकी लेटर, सामग्री, ग्लिटर अटेंडेंट आदि को चेक करें। अगर किसी वेबसाइट में इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारियां नहीं दी गई हैं तो समझो ये फर्जी है।
-अगर किसी वेबसाइट पर दूसरी वेबसाइट की तुलना में जरूरत से ज्यादा डील या शर्त दी जा रही है तो इसकी भी गारंटी नहीं है। पहले सभी जगह से संबंधित जानकारी चेक करें और फिर कोई कदम नहीं लें। फर्जी वेबसाइटों को आकर्षित करने के लिए अधिक लालच देता है।
हैक वेबसाइट का पता कैसे खतरनाक है
अगर कोई वेबसाइट हैक हो जाती है तो यह पता चल जाता है कि आम आदमी नहीं लग सकता है। वेबसाइट के बारे में संबंधित सूचना कंपनी, विभाग या संस्थान ही दे सकता है या यदि हैकर द्वारा वेबसाइट पर कुछ अजीब पोस्ट किया जाता है, तो तभी यह पता लग सकता है कि वेबसाइट हैक हुई है। अन्यथा सामान्य इंसान के लिए ये पता लगाना मुश्किल है।
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