भारत G20 शिखर सम्मेलन 2023 : दुनिया में लगातार आर्थिक सुस्ती (मंदी) को लेकर कई देश… आपको पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों की आर्थिक स्थिति को देखकर कुछ तो अंदाजा हो जाएगा कि दुनिया में आर्थिक सुस्ती से इन देशों का कितना बुरा हाल है। यह फिर भी अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा (IMF MD Kristalina Georgieva) ने G-20 समूह में भारत के नेतृत्व और आर्थिक स्थितियों को लेकर क्या आशा व्यक्त की है।
भारत के नेतृत्व पर गारंटी
मुद्राकोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा का कहना है कि दुनिया में लगातार आर्थिक सुस्ती और अंतरराष्ट्रीय सामाजिक तनाव की स्थिति बने रहने के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जी-20 समूह (जी20 देशों) में भारत के नेतृत्व पर बहुत भरोसा है। जॉर्जीवा ने यह बात एक मीडिया गोलमेज सम्मेलन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि, ‘जी-20 ग्रुप का अध्यक्ष भारत (जी20 प्रेसिडेंट कंट्री इंडिया) ग्लोबल एवरेज से कहीं बेहतर प्रदर्शन करने वाले देशों में से एक है। आसान हो कि भारत ने 1 दिसंबर को ही अधिकृत रूप से G-20 समूह की अध्यक्षता संभाली है।
भारत वैश्विक व्यापक सेवा पर काम करेगा
जॉर्जीवा का कहना है कि, ‘हम जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत के नेतृत्व पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं। क्योंकि यह दुनिया के लिए एकीकृत वैश्विक उद्योग की रक्षा कर अपनी बेटी को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण समय है। मुझे उम्मीद है कि भारत हमें एक साथ रहने के लिए बना रहेगा वह व्यापक वैश्विक सेवा कर कवर।
भारत को विश्व की चिंता
आई एक्सएमएल प्रमुख का कहना है कि सार्वजनिक मंच परीकरण का निर्माण, सार्वजनिक डिजिटलीकरण की लागत को कम करने वाली सार्वजनिक रूपरेखा बनाना और वृद्धि एवं रोजगार के एक स्रोत के रूप में इसका उपयोग कैसे मार्क करना जी20 डिजिटल की रूपरेखा में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने कई सुधार किए हैं, वास्तव में उसे लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में भारत को घरेलू कारणों से अधिक चिंता बाकी दुनिया में घटनाएं हो रही हैं। भारत निश्चित रूप से एशिया में हो रही घटनाओं से प्रभावित होता है। पड़ोसी देश श्रीलंका और पाकिस्तान वास्तविक बने हुए हैं। चीन भी पूरे एशिया को प्रभावित कर रहा है।
COVID में भारत के प्रयासों की प्रयास
उन्होंने डिजिटलीकरण की दिशा में भारतीय प्रयासों की मेहनत करते हुए कहा, ‘भारत के लिए यह बहुत अच्छा काम कर रहा है कि उसने COVID-19 महामारी से तेज हुए डिजिटलीकरण को किस तरह किया है। डिजिटलीकरण सार्वजनिक नीति और निजी क्षेत्र के विकास दोनों के लिए एक मजबूत संबंधित लाभ सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि डिजिटल पहचान और डिजिटल सार्वजनिक संरचना के मेल से भारत को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर समर्थन स्थानांतरित करने की सुविधा मिली। उन्होंने कहा कि इससे भारत उन लोगों को बहुत अच्छी तरह समझ पाता है जो समर्थन पाने के पात्र हैं।
डिजिटल अभियान पर क्या कहा
जॉर्जीवा ने कहा कि भारत के निजी क्षेत्र के लिए भी डिजिटलीकरण का अभियान काफी हद तक साबित हुआ। उन्होंने कहा कि यह ब्रांडेड और चक्कर के बहुत तेजी से विस्तार के लिए एक उर्वर जमीन बन गया है। भारत संबंधी बलों को बनाने के लिए इसे G-20 तक एक क्षेत्र के रूप में ले जाने का इरादा रखता है।
यह भी पढ़ें-
गौतम अडानी: अमीरों की लिस्ट में चौथे नंबर पर स्लिम हुए गौतम अडानी, देखें टॉप पर कौन है?