पूरी दुनिया ने साल 2020 से लकर 21 में कोराना महामारी का विकराल रूप देखा। इसलिए सिनिस्टर की ग्रेविटेशन को देखते हुए सभी देशों को सख्त नियम कायदे बनाते हैं। इन्हें न संपार्श्विक लोगों को सजा दी गई और जुर्माने भी लगाया गया। चीन में कोराना के नए अलर्ट BF.7 से वहां कोरोना दोबारा से सिनिस्टर के रूप में सामने आ रहा है। पकड़ा गया टोटा नहीं है, और मारने की संख्या में ऐसा हुआ है कि शवशान घाटों में लाशों के लिए जगह नहीं है।
पड़ोसी देश चीन के इन आंकड़ों से भारत भी अलर्ट मोड में है। देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने आनन-फानन में बैठक बुलाकर केंद्र सरकार राज्यों और राज्यों के लिए कोरोना से बचाव के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दरअसल कोविड महामारी के चरम पर होने के दौरान भी भारत में कड़े नियम कायदे लागू किए गए थे और इन्हें न वरीयता पर कार्रवाई की भी गई थी। हजारों लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई और हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया। एक बार फिर से कुछ ऐसे ही स्थिति पैदा हो रहे हैं।
लॉकडाउन में 23,094 दर्ज हुआ है प्रारूप
चीन में कोरोना के कहर को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने खास दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। कोराना महामारी के दौरान बीते सालों में लॉकडाउन में ऐसे ही कायदों को तोड़ने पर कई लोगों को दर्ज होने के साथ ही गिरफ्तारी का भी सामना करना पड़ा था। कोविड मानकों की अवहेलना करने पर राजधानी दिल्ली में ही हजारों लोगों के खिलाफ दावे दर्ज किए गए थे।
इन लोगों के खिलाफ कानून लागू करने वालों ने 1897 के महामारी रोग अधिनियम (ईडी अधिनियम), 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम (डीएमएस) के दंडात्मक पहलू के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया था। लिंक टैंक, लीगल पॉलिसी के लिए विधि सेन्टर दिल्ली के 7 वायरलैस के अनुसार मार्च 2020 और मार्च 2022 के बीच 23,094 प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) इन कानून के तहत प्रावधान संबंधी दिशानिर्देश और निर्देशों के उल्लंघन के लिए दर्ज की गईं। .
सबसे ज्यादा फोटोशॉप नहीं दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के उल्लंघन के दौरान 54,919 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि ऐसे मामलों से संबंधित अदालतों ने उल्लंघन के लिए अलग-अलग तरह से दंड का आदेश दिया। जहां मुखौटा न मुखौटा पर एक अदालत ने 4400 रुपये का जुर्माना लगाया तो दूसरे ने हिज 50 रुपये का जुर्माना का आदेश दिया। सब्सक्राइबर है कि कोविड संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार ने 24 मार्च, 2020 को देश भर में लॉकडाउन लगाया था।
COVID नियम तोड़ने पर 90 करोड़ का जुर्माना
लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने के लिए कानून लागू करने वाली एजेंसियां 1897 की महामारी रोग अधिनियम (ईडी अधिनियम), 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम (डीएमएस) और भारतीय दंड कोड, (आईपीसी) के दंडात्मक सट्टे से लथ थे। मैंडलिस्ट को इन दस्तावेजों ने किस तरह से लागू किया और कितना असरदार रहा इसे लेकर विधि सेंटर फॉर लीगल ने एक पढ़ाई की थी।
ये अध्ययन दिल्ली में COVID-19 से जुड़े हुए पर लागू करने पर आधारित था। इसके माध्यम से COVID महामारी के दौरान दर्ज की गई स्थिति, COVID-19 नियमों को लागू करने में पुलिस और न्यायालयों की भूमिका को समझा गया। इसका मकसद दिल्ली में कोविड-19 को रोकने के उपायों का पालन करने के लिए आपराधिक चालान के उपयोग को शिकायत करना था। इसमें यह देखा गया कि क्या लोगों पर आपराधिक प्रतिबंध लगाने पर उनके सार्वजनिक व्यवहार में बदलाव आता है। वो सही व्यवहार करने के लिए तैयार होते हैं।
रिपोर्ट में ‘लेस्ट वी फॉरगेट’ सीरीज में देखा गया कि सरकार ने 2000 रुपये तक के जुर्माने का डेली गोल रखा था। इसमें सरकार ने सजा के जरिए बीमारी से समझौता पर जोर दिया था। नतीजा दिल्ली के 8 से 9 जाली में पुलिस और अन्य अधिकारियों ने नियामक मानकों का उल्लंघन करने वाले लोगों से जुर्माने के तौर पर 90 करोड़ से अधिक रुपये वसूले। मास्क नहीं जाली पर एक कोर्ट ने 50 रुपये से लेकर 4400 रुपये तक जुर्माना लगाया। अध्ययन किए गए 110 मामलों में से 106 मामलों में राजस्व चक पाए गए। 102 मामलों में दोषियों को सजा सुनाई गई। बगावत के किसी को भी सजा नहीं सुनाई गई।
अभी नहीं लॉकडाउन जैसे हालात
चीन में अचानक कोरोना मामलों में दोष के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस ओमिक्रॉन वेरिएंट BF.7 ने भारत में अक्टूबर में ही टच दे दिया था। अब तक देश में इसके 3 मामले सामने आ चुके हैं। पड़ोसी देश चीन में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया बुधवार 21 दिसंबर को सभी को सतर्क सावधानियों के निर्देश जारी कर चुके हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि देश किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की और से देश के सभी सूबों को सख्त प्रभाव में प्राथमिकता के आधार पर कोविड स्थिति मामलों के नमूने मांगे गए हैं। राज्यों और केंद्रों से संबंधित प्रदेशों को विशेष सावधानियों के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय भारतीय सार्स-कोवि-2 प्रॉक्सी कंसोर्टियम-आईएनएसएसीओजी देश में कोरोना मामलों पर निगरानी रख रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डो पर नगरानी का स्तर बढ़ाया है। विदेश से देश में पैर होने वाले लोगों की सख्ती से जांच और नई धारणा की पहचान के लिए हर तरह की जगह देने के निर्देश भी दिए गए हैं। नए साल पर विदेश जाने वाले भारतीयों के देश में लौटने पर उनके लिए खास प्रोटोकॉल तैयार किया गया है। इससे इन लोगों में कोरोना के लक्षण ही मिलते-जुलते क्रम के लिए अनायास तुंरत भेजे जा रहे हैं।
इस सबके बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया ने पीटीआई से कहा है कि भारत में कोविड-19 के मामलों में कोई खराबी नहीं हुई है और भारत में अभी स्थिति ठीक है।