दिल्ली: सदर बाजार में 17 इमारतों की 25 सीलिंग करने के मामले में चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा है। सीटीआई के निशान बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि सदर बाजार में सीलिंग कार्रवाई से अन्य बाजारों के दुकानदारों में भी स्थिति हो गई है।
जालंधर को सीलिंग की धमकी मिल रही है। दिल्ली में इस समय एमसीडी में कोई सरकार नहीं है और एमसीडी का नियंत्रण एलजी के पास है। हालांकि मैंने कहा कि सभी अधिकारी एलजी को ही रिपोर्ट कर रहे हैं। एलजी से निवेदन है कि दुकानों को सील करवाएं। सीलिंग का एक्शन ऑर्डर 11 अप्रैल 2022 को जारी हुआ था। लेकिन, 10 महीने बाद कार्रवाई हुई है।
अधिकारी सवाल उठा रहे कारोबारी
अनुमति ने सवाल पूछे जाने पर कहा कि अब तक अधिकारी क्या कर रहे थे? अब 10 महीने बाद किन दुकानों को सील किया गया, इसमें अधिकारियों की भूमिका को लेकर संशय है। इसकी जांच की जानी चाहिए। एलजी ने चिट्ठी में लिखा है कि जिन दुकानों को सील कर दिया गया है, उनका ट्रेड लाइसेंस भी मिला है। उनकी रजिस्ट्री व्यावसायिक श्रेणी में हुई है। कई दुकानों की रजिस्ट्री 1947 से पहले की है।
व्यापारियों का प्रताड़ित किया जा रहा है
मेट्रो ने कहा कि पिछले दिनों केंद्रीय शहरी विकास मंत्री डॉ. हरदीप सिंह पुरी ने भी कहा था कि दिल्ली में सीलिंग नहीं होगी। इसके बावजूद व्यापारियों का प्रतिवाद किया जा रहा है। हमारी मांग है कि पूरे सदर बाजार को कमर्शल नोटिफाई कर दिया जाए। अभी बाजार में कुछ गलतियां जारीयशी होती हैं, लेकिन इसमें 95 प्रतिशत से अधिक व्यवसायिक स्थिति होती है। मास्टर प्लान 2021 में एक क्लॉज है, जिसमें कहा गया है कि जिस एरिया में 70 प्रतिशत से ज्यादा कमर्शियल एक्टिविटी होती है, उसे कमर्शियल माना जाएगा।
मेट्रो ने कहा कि इसी के तहत 2004 में सदर बाजार में कोई दुकान सील नहीं हुई थी, जबकि उस दौरान दिल्ली में कई जगह सीलिंग हुई थी। उसी शीशे के दौरान डीसी ने डीडीए को एक सर्वे रिपोर्ट में देखा था, जिसमें स्पष्ट लिखा था कि सदर बाजार में 95 प्रतिशत क्षेत्र पेशेवर हैं। इसीलिए मार्केट को कमर्शियल की तरह ट्रीट किया जाए। फिर डीडीए ने अपने रिकॉर्ड में बदलाव नहीं किया और उसी का दंश का आकार बढ़ रहा है। सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने कहा कि सदर बाजार मुगलों और अंग्रेजों के जामने का बाजार है और पूरा बाजार ही वाणिज्यिक है।