आईटी कंपनी नौकरी समाचार: दुनिया में मंदी की आशंका के बीच हर सेक्टर से कर्मचारियों की खिंचाई हो रही है। विशेष रूप से आईटी सेक्टर भी बहुत प्रभावित हुआ है। साल 2021 की तुलना में 2022 में ज्यादा लोगों की नौकरी चली गई हैं। वहीं दूसरी तरफ वित्त वर्ष 2023 के तीसरे तिमाही में आईटी प्राधिकरण ने भी कम लोगों को नौकरी दी है।
देश के शीर्ष 4 आईटी प्राधिकरण ने तीसरी तिमाही में कुल 5,000 से कम लोगों को नौकरी दी है। नौकरी देने के मामले में दूसरी तिमाही में भी कमी आई थी। इस अवधि में 28,836 कर्मचारियों को जोड़ा गया था, जो पहली तिमाही से आधा था। कर्मचारियों की संख्या में टीसीएस में 2197 कर्मचारियों की कमी है और विप्रो में 500 कर्मचारियों की कमी है।
इन दो आईटी ने दिया नौकरी
देश में आईटी प्राधिकरण ने लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। हालांकि इस दौरान कर्मचारियों की नौकरी भी चली गई है। आईटी इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 1,600 लोगों को नौकरी पर रखा है, वहीं एचसीएल ने 2,945 कर्मचारियों को नौकरी दी है। विप्रो के सीईओ थिएरी डेलापोर्टे ने टीओआई को बताया कि कंपनी फ्रेशर को नौकरी देने के बारे में ज्यादा सोच रही है। इस पहली तिमाही के दौरान कंपनी ने बड़ी संख्या में फ्रेशर्स को नौकरी पर रखा और अब उसी कल्चर को आगे बढ़ाना चाहती है। खींच अगर की जा रही है तो इसके पीछे पकड़-अर्थशास्त्रीय भिन्न होने के कारण है।
खिंचाव के बीच हो रही कम भर्तियां
आईटी सलाहकार जैन ने आईटी सेक्टर की तुलना 2008 और 2009 के बीच की अवधि से की है। टीसीएस में मंदी का असर वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही से अधिक 2009 की जून तिमाही में परिणाम का असर दिखा। इसी अवधि में एचसीएल ने 200 कर्मचारियों को नौकरी दी थी। बड़ी आईटी कंपनियां पिछले साल से भर्तियां कर रही थीं और इस साल की पहली दो तिमाहियों में भी रिलीज हो रही है।
भरती क्यों नहीं करना चाहते आईटी कंपनियां
फिल फर्स्ट के मुताबिक आईटीबीपी के बीच मंदी की उद्योग में बने हुए पेंशन पर नए कर्मचारियों को काम पर रखने की इच्छा नहीं है। ऐसे में आने वाली तिमाही में कर्मचारियों की नौकरी देने की संख्या में गिरावट आ सकती है।
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