राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तेलंगाना यात्रा: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शीतकालीन अवकाश के दौरान अज्ञात के दौरे पर हैं। राष्ट्रपति सोमवार (26 दिसंबर) को शाम 5 बजे हैदराबाद के हाकिमपेट वायु सेना स्टेशन पहुंचते हैं। साइट कहां के. चंद्रशेखर राव ने उनकी गर्मी से स्वागत किया। राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन भी राष्ट्रपति का स्वागत करने पहुंचे।
सीएम के आधीन राष्ट्रपति मुर्मू को पुष्पांजलि और शॉल ओढाकर से सम्मानित किया गया। इस पते पर मुख्यमंत्री के सचिव ने मंत्री, सांसद, एमएलसी, टीपी, अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के नाम को लेकर राष्ट्रपति से परिचय दावों का परिचय दिया। बता दें कि देश का प्रथम नागरिक दिनांक जाने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू पहली बार टाइपिंग करते हैं।
इन कार्यक्रमों को सूचित करें
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “राष्ट्रपति 27 दिसंबर को सिकंदराबाद में ‘केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी’ के छात्रों और राइटिंग सदस्यों को सूचित करते हैं।” उसी दिन वह सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी का अधिकार पत्र और वहां भारतीय पुलिस सेवा (74 आरआर एसआर) के अधीन अधिकारियों को संदेश दिया।
देवस्थानम का मेटा राष्ट्रपति
राष्ट्रपति मुर्मू 28 दिसंबर को भद्राचलम में स्थित श्री सितारराम चंद्र स्वामी देवस्थानम का विवरण और ‘प्रसाद’ योजना के तहत भद्राचलम मंदिर में पर्यटन के विकास के लिए स्टेक की आधारशिला प्राप्त करें। उन्होंने नोएडा वनवासी कल्याण परिषद की ओर से ‘सम्मक्का सरलामा जनजाति पुजारी सम्मेलन’ का भी उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति नीलम का इतिहास
राष्ट्रपति सिकंदराबाद के जुड़वा शहर सिकंदराबाद के बौरम में राष्ट्रपति नीलियम रुकेंगी, जो राष्ट्रपति की आधिकारिक वापसी है। बता दें कि राष्ट्रपति वर्षों में कम से कम एक बार राष्ट्रपति निलयम में रुक जाते हैं और एजेंटा से आधिकारिक कामकाज करते हैं। इसका निर्माण 1860 में एलेक्जेंडराबाद में ब्रिटिश रेजिडेंट के कंट्री हाउस के रूप में किया गया था। 1948 में हैदराबाद राज्य के भारत में विलय के बाद, यह राष्ट्रपति का आवास बन गया। इस प्रकार यह दिल्ली में राष्ट्रपति भवन और पैसिव में राष्ट्रपति निवास के बाद राष्ट्रपति का तीसरा आधिकारिक निवास है।
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