आईएमडी मौसम अद्यतन: देश के मैदानी इलाकों में जहां भीषण शीतलहर चल रही हो तो पहाड़ी क्षेत्रों में भारी भरकम हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, इस कड़ाके की ठंड से कुछ दिन बाद राहत मिलनी शुरू होगी। मौसम विभाग ने सोमवार (16 जनवरी) को कहा कि 18 और 20 जनवरी को उत्तर पश्चिम भारत को एक के बाद एक दो पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित कर सकते हैं। जिस वजह से उत्तर पश्चिम भारत में शीत लहर की स्थिति 19 जनवरी से होने की संभावना है।
विभाग ने बताया कि राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई हिस्सों में 18 तारीख तक शीत लहर से गंभीर शीत लहर की स्थिति होने की संभावना है। साथ ही 17 और 18 जनवरी को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छिटपुट स्थानों पर पाला की संभावना है।
पहाड़ी क्षेत्रों में रुके हुए जारी
इसके अलावा 18 जनवरी की रात से एक नया पश्चिमी विक्षोभ का पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र प्रभावित होने की संभावना है। इसके प्रभाव में जम्मू-कश्मीर, इशारा, हिमाचल और उत्तराखंड में 18-20 जनवरी के दौरान बारिश/बर्फबारी की संभावना है। एक और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की 20 जनवरी की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और 22 जनवरी से उत्तर पश्चिम भारत के आसपास के मैदानी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है। इसका प्रभाव 22 से 24 जनवरी तक उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में रोशनी, बारिश की संभावना है।
कैसा रहेगा?
मौसम विभाग के अनुसार, 17 जनवरी की सुबह तक उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान लगभग 2 डिग्री सेलियन की और गिरावट की संभावना है। 18 तारीख तक कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होगा और 19-21 जनवरी के दौरान 4-6 डिग्री सेल्सियन की वृद्धि हो सकती है। 18 तारीख तक पूर्वी भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट और उसके बाद कोई महत्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना नहीं है।
वहीं 18 तारीख तक गुजरात राज्य में न्यूनतम तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा और उसके बाद 2-4 डिग्री सेलियन बढ़ने की अनुमान है। अगले 4-5 दिनों के दौरान उत्तरी भारत के बाकी हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा।
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