आईएएस सक्सेस स्टोरी: अगर व्यक्ति कुछ ठान ले तो क्या कुछ नहीं हो सकता। आज हम आपको एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी बता रहे हैं, जिसे सुनकर आप भी प्रेरित होंगे और कुछ कर दिखाने के बारे में भरेंगे। स्पॉटसी परीक्षा में सफल होने के लिए हर साल लाखों की संख्या में उम्मीदवार तैयारी करते हैं, लेकिन उनमें से चंद उम्मीदवार ही परीक्षा में सफलता की तलाश कर रहे हैं। इनमें से एक नाम सिमी करण है। आईएएस अधिकारी सिमी करण ने 2019 की परीक्षा में 31वीं रैंक हासिल की थी।
सिमी करण मुंबई में मौजूद झुग्गी-झोपड़ियों में पढ़ते थे। वह मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली हैं और उन्होंने नौकरी से नौकरी की है। स्ट्रेचर से अपनी बीटेक की पढ़ाई के समय उन्होंने मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को पालने का मौका मिला था। सिमी ने यहां दृष्टिकोण के दौरान ही सभी बच्चों की मदद करने के लिए विचार किया और तृप्ति परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया।
ओडिशा की रहने वाली सिमी की पढ़ाई भिलाई से हुई है। उनके पिता भिलाई स्टील प्लांट में काम करते थे। वहीं, उनकी मां एक शिक्षिका थीं। सिमी शुरुआत से पढ़ाई में बेहद तेज थे। 12वीं की पढ़ाई करने के बाद सिमी ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने का विचार किया और अटके में रुके तक ले ली। लेकिन इस दौरान उन्हें समझौते के बच्चों को अपनाने का मौका मिला और उन्होंने अपने इंजिनियर बनने के इरादे को एक-दूसरे को अपनाने का फैसला किया।
छोटे-छोटे विवरणों में बंता सिलेबस
सिमी ने सीमित पुस्तकों से पढ़ाई की। वे सिलेबस को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटते हैं जिससे वह ठीक से पढ़ाई कर सकें। साल 2019 में अपारदर्शिता एजाज में उन्होंने सफलता प्राप्त की। सिमी ने लाइसेंस की परीक्षा समाप्त होने के केवल एक महीने बाद ही परीक्षा दी और सफलता हासिल की।
यह भी पढ़ें-
बीआरओ में नौकरी पाने का सुनहरा मौका, 81 हजार मिलेगा वेतन, ये है आखिरी तारीख
शिक्षा ऋण सूचना:
शिक्षा ऋण ईएमआई की गणना करें