2024 लोकसभा चुनाव जनमत सर्वेक्षण: राजनीति और शासन के नजरिए से सभी राजनीतिक दृष्टिकोण के लिए साल 2023 किसी प्रिक्स बोर्ड से कम नहीं है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव आने वाले सोमवार के चुनाव के लिए एक प्रयोग की तरह माना जा रहा है। इसलिए 2023 में विधानसभा चुनावों को प्रिक्स बोर्ड और 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव को बोर्ड की तरह देखा जा रहा है। इंडिया टुडे ग्रुप के मूड ऑफ द नेशन की तरफ से कर लिए गए आखिरी ओपीनियन पोल में इसी बोर्ड एजाजेक्शन निंग टू सिक्योर इलेक्शन में जानिए किस पार्टी को फायदा होता दिख रहा है।
एक समय में बिहार में राजनीतिक अधीनस्थ-पुथल के बाद एनडीए सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। इसके बाद आने वाले 2024 की आम चुनावों को लेकर भी सवाल उठने लगे थे। हालांकि, अब स्थिति में काफी सुधार हुआ है और अन्य बड़े नियम मानदंड में मान्य हैं। इस ओपिनियन पोल में शनिवार को 543 जाम में एनडीए से 307 सीटों पर बैठने के बारे में बताया जा रहा है। वहीं, यूपी को 125 और अन्य को 111 सीट मिलती रहीं।
पार्टी | एनडीए (एनडीए) | यूपीए (UPA) | अन्य (अन्य) |
कैट्स | 307 | 125 | 111 |
लेकिन अगर बिहार में सरकार बदलने के बाद चुनाव होता है तो एनडीए को सीधे तौर पर 21 का नुकसान होता है। एनडीए के सीट्स कंपोनेंटर 286 हो जाते हैं वहीं यूपीए को 146 सीट्स जबकि अन्य पार्टियों को 111 सीट्स मिलते हैं। इसके बाद कुछ ऐसा होता है-
पार्टी | एनडीए (एनडीए) | यूपीए (UPA) | अन्य (अन्य) |
कैट्स | 286 | 146 | 111 |
बता दें कि, इस सर्वे में एक लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था। सर्वे की तारीख 9 अगस्त इसलिए तय की गई क्योंकि इस दिन यह तय हो गया था कि मैक्रों काम करने वाले बैक्टीरिया से गठबंधन तोड़ देंगे। हालांकि, अब इस मुद्दे को लेकर ज्यादा जोर नहीं दिख रहा है तो जनता के मूड में भी थोड़ा बदलाव जरूर आएगा।
इस सर्वे में यह भी पता चला था कि अगर अगस्त में चुनाव होते हैं तो एनडीए को 41.4 फीसदी वोट मिलेंगे, वहीं यूपीए को 28.1 फीसदी और अन्य पार्टियों को 30.6 फीसदी वोट मिलेंगे। यानी इस बार भी एनडीए को यूपीए से 13.3 फीसदी ज्यादा वोट मिलेंगे।
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