अमेरिका में नस्लीय धन गैप: भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, अमेरिका की गिनती सबसे पुराने लोकतांत्रिक देशों में डाली जाती है। अमेरिका को अपने लोकतांत्रिक आदर्शों पर हमेशा गुमान रहा है लेकिन ये सच्चाई भी छिपी नहीं है कि लोकतंत्र में सभी समानता के अमेरिका के दावों के बीच रंग का भेदभाव साफ दिखता है।
श्वेत परिवार के पास 81 पुरानी संपत्ति
अमेरिका में रंगभेद इस कदर है कि ज्यादातर अमेरिका के लिए घर या कॉलेज को सपने से कम नहीं है। डीसी काउंसिल के अनुसार वाशिंगटन में यह परिवार के दावे श्वेत परिवार के पास 81 गुना अधिक संपत्ति है। 1980 के बाद से ही आर्थिक आधार पर श्वेतों और आम लोगों के बीच की चहचहाहट फैली हुई है। फेडरल रिजर्व ऑफ कंज्यूमर फाइनैंस के आंकड़ों के अनुसार 2019 में श्वेत परिवार के पास औसत संपत्ति 1,84,000 डॉलर हुई थी जबकि यह अमेरिकी परिवार के पास औसत संपत्ति 23000 डॉलर था। McKinsey के मुताबिक अगर इस आर्थिक दबाव को कम नहीं किया गया तो 2028 तक अमेरिकी उद्योग को 1.5 लाख डॉलर का नुकसान हो सकता है। आर्थिक रूप से पूरी तरह से श्वेत और अमेरिका के बीच संबंध दो दशक से नीचे के स्तर पर आ गए हैं।
रंग के आधार पर आर्थिक रूप से लगातार बढ़ रहा है
अश्वेत और श्वेत अमेरिकियों के बीच आर्थिक रूप से मौजूदा आंकड़े भी समझा जा सकता है कि 400 सबसे अमीर अमेरिकी 10 मिलियन के करीब हैं, यानी 1 करोड़ से ज्यादा संपत्तियां हैं। आम परिवार के पास टोटल हाउस वेल्थ की 3 प्रतिशत संपत्ति है जबकि 400 सबसे अमीर अमेरिकी के पास 3.5 प्रतिशत हाउस होल्ड वेल्थ है। और ज्यादा अमीर अमेरिकी श्वेत ही हैं।
बेबी बॉन्ड्स से बे पटने की कोशिश
श्वेत और संदेशों के बीच इस बढ़ती झुर्रियों को कम करने के लिए बेबी बॉन्ड्स लाए गए हैं। इस कार्यक्रम के तहत हर बच्चे के बैंक खाते में 1,000 डॉलर जमा किए जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि ये बच्चा जब बड़ा हो तो वे अपने जीवन की बेहद तेज शुरुआत कर सकें। इस अवधारणा के माध्यम से उम्मीद की जा रही है कि रंग के आधार पर मौजूद भेदभाव को कम करने में मदद मिलेगी। एक तयशुदा सीमा रविवार को बच्चे के लिए कम होती है। इसके रंग के आधार पर मौजूदा आर्थिक भेदभाव को कम किया जा सकता है।
एक बच्चा जब 18 साल का हो जाएगा जो 1,000 डॉलर बढ़कर 25000 डॉलर हो जाएगा। जिससे वो शिक्षा हासिल कर सकता है। बिजनेसमैन शुरू कर सकते हैं या अपने रिटॉयरमेंट के लिए बचत कर सकते हैं। अमेरिका के अलग-अलग राज्यों को लेकर बेबी बॉन्ड जैसी जैसी सरकारें आ रही हैं। जैसे कि कैलिफ़ोनिया ने कोरोना महामारी में माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए नामांकन लेकर आया है।
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