जोशीमठ पर IRDAI: बीमा क्षेत्र के रेग्युलेटर आई लाईस ने सामान्य बीमा कंपनियों को उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन में धंसने और घरों में दरार से प्रभावित बीमित लोगों के फौरन क्लेम सेटल करने को कहा है। इस संबंध में गहनता से इस बाबत दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं।
आई पहल ने दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि उत्तराखंड में जमीन धंसने और कुछ में संपत्ति का नुकसान हुआ है, जिससे प्रभावित बीमित आबादी की देनदारी को कम करने के लिए कदम उठाये जाने का अधिकार है जिससे प्रभावित लोगों के पंजीकरण के साथ उनका दावा जल्द से जल्द सेटल किया जा सकता है।
IRDAI ने बीमा प्राधिकरण से एक कंपनी के स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियक्त करने के लिए कहा है जो प्रभावित होकर आपस में जिम्मेदार अधिकारी के तौर पर कार्य करेगा। नोडल ऑफिसर रिसिप्ट कॉर्डिनेट करने से लेकर टारगेट के अलावा सभी उचित क्लेम का सेटलमेंट करेगा। नोडल ऑफिसर स्टेट गवर्नमेंट के डेजिग्नेटेड ऑफिसर्स से संपर्क करने के बाद उनसे लगातार संपर्क में रहेंगे।
बीमा नियामक ने कहा है कि सभी क्लेम का सर्वेक्षण फौरन किए जाने की दरकार है। और क्लेम अनाउंसमेंट/अकाउंट अनाउंसमेंट जल्द ही जारी करें और किसी भी फैक्ट्री में टाइमलाइन तय करने से ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए। IRDAI ने जनरल बीमा प्राधिकरण से पर्याप्त संख्या में सर्वेयर प्राधिकरण को कहा है और आसपास के दायरे से भी आवश्यक होने की आवश्यकता है, सर्वेयर बुलाने की हियादत दी गई है। आईआरडीएआई ने उद्यम ने जागरुकता अभियान भी चलाने को कहा है और साथ में लोगों को ये भी के निर्देश दिए गए हैं कि अब तक उनके द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं।
बीमा प्राधिकरण ने कहा है कि वो होल्डर्स को इस बात के लिए प्रेरित करते हैं कि वे इलेक्ट्रानिक माध्यम से दावा और दस्तावेज दाखिल करने के लिए उपयोग करें। साथ ही डिजिटल माध्यम से क्लेम के एसेसमेंट को सुनिश्चित किया जाएगा। उसी के साथ बीमा प्राधिकरण से क्लेम सेटलमेंट के डेटाबेस मंथली आधार पर अभिलेख को सौंपने के लिए कहा गया है।
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